समाज एवं देश हित के लिए व्यापक सोच के साथ आगे बढ़ना जरूरी- राज्यपाल श्री पटेल
राज्यपाल श्री मंगू भाई पटेल ने कहा है कि युवा अपने केरियर निर्माण के साथ व्यापक सोच लेकर आगे बढ़े। वे अपने केरियर के साथ समाज का केरियर भी बनाएं। अपनी शिक्षा का उपयोग स्वयं की उन्नति के साथ समाज एवं देश की उन्नति के लिए भी करें।
श्री पटेल ने युवाओं से कहा कि आपकी सोच का दायरा और आपकी जिम्मेदारी कैरियर से कहीं अधिक व्यापक होनी चाहिए, क्योंकि बेहतर इंसान बनना ही शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य है। श्री पटेल ने कहा कि जीवन में बड़ा बनना अच्छी बात है, लेकिन अच्छा होना और भी बड़ी बात है।
श्री पटेल आज यहां देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित दीक्षांत समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के चेयरमैन श्री टी.जी.सीताराम, सांसद श्री शंकर लालवानी, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति श्रीमती रेणु जैन भी उपस्थित थी। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होकर प्रसन्नता का अनुभव हो रहा हैं। दीक्षांत विद्यार्थियों, शिक्षकों और परिवारजन सभी के लिए खुशी का अवसर है।
यह हमारे लिये अत्यन्त गौरव का विषय है कि इस विश्वविद्यालय का नाम लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर के नाम पर है, जिन्होंने लोक कल्याण के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दैवत्व प्राप्त किया है। मैं उनका स्मरण कर नमन करता हूँ। आज उपाधि, स्वर्ण पदक और रजत पदक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई देता हूँ। उन्होंने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना भी की।
श्री पटेल ने कहा कि शोध, उपाधि एवं पदक प्राप्त करने वालों में बालिकाओं की संख्या बालकों से अधिक होना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में बन रहे विकसित और समावेशी न्यू इंडिया की झलक है। हम सब के लिए यह खुशी और गर्व का विषय है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में विद्यार्थियों को बंधन मुक्त शिक्षा का अवसर दे कर हौसलों के साथ सफलता की अनन्त ऊँचाइयों को छूने का अवसर दिया है। राज्यपाल जी ने विद्यार्थियों से कहा कि वे नए भारत और नए विश्व के निर्माण के लिए नए सपने देखिए और बड़े सपने देखिए। श्री पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय पूरे विश्व समुदाय के बारे में वर्तमान की समस्याओं और भविष्य की चुनौतियों के समाधान के चिंतन का केन्द्र बनें।
उन्होंने कहा कि विकास और सभ्यता की आज की उपभोक्तावादी अवधारणा के कारण आज प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन तथा जीवन शैली जनित रोग की चुनौतियां और अधिक विकराल रूप ले रही हैं। मानव समाज के समक्ष युद्ध, अशांति, आतंकवाद, महिलाओं की असुरक्षा तथा असमानता जैसी अनेक समस्याओं, चुनौतियों के प्रति विद्यार्थी और शिक्षकों को सचेत तथा सक्रिय रह कर समाधान प्रस्तुत करने चाहिए।
श्री पटेल ने कहा कि हमारा देश नए और गहरे विचारों को अपनाने वाला देश है, जहां प्राचीनतम वेद और उपनिषद, भगवान महावीर और बुद्ध के विचार आज भी जीवंत हैं। इसीलिए आज भी पूरे विश्व में सिलिकॉन वैली से सिडनी तक, आधुनिक कार्य-क्षेत्रों में भी भारतीय लोगों ने सम्मानित स्थान बनाया है। युवा विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों का आदर करें, स्वागत करें, लेकिन अपनी जड़ों से हमेशा जुड़े रहें क्योंकि अपनी जड़ों से ही जुड़े रहना भविष्य की संजीवनी है, सृजनशीलता मिलती है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के चेयरमैन श्री टी.जी. सीताराम ने कहा कि आज के युग में अनुसंधान और अन्वेषण अत्यंत जरूरी है। देश के विश्वविद्यालय अनुसंधान और अन्वेषण पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने युवाओं से कहा कि वह अपनी शिक्षा में अनुसंधान और अन्वेषण पर विशेष ध्यान दें। श्री सीताराम ने कहा कि देश के प्रतिष्ठित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होकर बहुत खुशी हो रही है। यह विश्वविद्यालय अकादमिक क्षेत्र में नित्य नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद श्री शंकर लालवानी ने कहा कि आने वाले समय में भारत पुनः विश्व गुरु का दर्जा हासिल करेगा। भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने में युवाओं की अहम भूमिका है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति श्रीमती रेनू जैन ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की जानकारी भी दी। कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव श्री अजय वर्मा ने किया।