मूलचन्द मेधोनिया पत्रकार भोपाल मोबाइल 8878054839
ग्वालियर। चंबल संभाग के जिलों में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति शहरिया एवं अनुसूचित जाति वर्ग की समस्याओं तथा मांगो का निराकरण करने हेतु आदेश जारी करने सहित इन वर्गों को अधिकारो से वंचित करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने बावत्।
महोदय
उपरोक्त विषयान्तर्गत दलित आदिवासी महापंचायत माननीय का ध्यान दलित आदिवासियों की समस्याओं के निराकरण सहित सवैधानिक एवं शासन आदेश के पालन मे हक अधिकार दिलाने हेतु पत्र निम्नानुसार प्रस्तुत है-
(1) म.प्र. शासन ने आदिवासी वर्ग के सहरिया, बैगा भारिया को विशेष पिछडी जनजाति में माना है। इन जातियों का निरंतर सर्वे करने का आदेश भी जारी किये है इन वर्गों में सहरिया जनजाति जो ग्वालियर चंबल संभाग में पाई जाती है सवैधानिक अधिकारों से वंचित है जैसे-
(2) विशेष पिछडी जनजाति सहरिया के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को सीधे नौकरी देने का प्रावधान है और आदिम जाति कल्याण विभाग को शासन ने स्पष्ट निर्देश दिये है कि निरंतर इन जातियों का सर्वे करे की ये भूखे प्यासे तो नहीं है यदि पढ़े लिखे है तो नौकरी के लिए आवेदन तैयार कराये यदि उनके लिए दस्तावेज नही है तो दस्तावेज तैयार कराये, इनको दुखी बिमारी तो नही है. इनके पशु भूखे प्यासे तो नही मर रहे है तथा सहरिया परिवार भूखमरी की स्थिति में तो नहीं है। लेकिन जनजातिया कार्यविभाग में दलित आदिवासी विरोधी अधिकारियों द्वारा विशेष पिछड़ी जनजाति सहरिया के लिए कोई सुविधा नही दी जा रही है।
(3) अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति परिवारों के बी.पी.एल कार्ड (गरीबी रेखा के कार्ड) नही बनाये जा रहे है गरीब परिवारों के गरीबी रेखा के कार्ड सर्वे कराकर उच्च स्तर पर बनाये जाये।
(4)आदिवासी वर्ग की विशेष पिछडी जनजाति की गरीब महिलाओं को म.प्र.शासन की ओर से पोषण राशि आहर के लिये दिये जाने का प्रावधान है लेकिन यह राशि नहीं दी जा रही कई महिलाएं इस राशि से वंचित है कई आवेदन कलेक्टर ग्वालियर की जनसुनवाई में कमिश्नर ग्वालियर को भी दिये गये है लेकिन किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नही हुई। सहायक आयुक्त जनजातिय कार्यविभाग ग्वालियर पत्र जारी कर ठोस कार्यवाही करने से पल्ला झाड लेते है 02 पत्र संलग्न है पोषण राशि से संपूर्ण म.प्र. में महिलाओं को वंचित किया जा रहा है। संपूर्ण म.प्र. में पोषण राशि से वंचित महिलाओं को पोषण आहर राशि दिलवाई जाये।
(5) अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के भूमिहिनको आवासहिनो को कृषि योग्य भूमि के पट्टे एवं दिये जाये
(6) मध्य प्रदेश के समस्त विभाग में अनुसूचित जाति जनजाति के बैंक के पद रिक्त पदो को शीघ्र भरा जाये। (7) अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग की जमीनों पर सामान्य वर्ग के बाहुबलि से किये हुये है इन वर्गो की जमीनों से कब्जा हटाकर वास्तविक जमीन के मालिकों को जमीन पर कब्जा दिलाया।
(8) अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के कई गांव टोला, मजरा, सड़कहीन है पक्की सड़क का निर्माण
जाये।
(9)पीने के पानी की समस्या से भी झूम्र को है पीने के पानी की व्यवस्था की जाये। (10)कई गांव मोहल्ले मजरा टोला में अवैध शराब की बिक्री हो रही है इस पर प्रतिबंध लगाया जाये शराब माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही की जाये।
(11) अनुसूचित जाति, जनजाति वर्गा वन विभाग की जमीनों पर कई वर्षों से कब्जे है कब्जे धारियों
को पट्टा देवन मालिकाना हक दिया जाये।
(12) प्रशासन अनुसूचित जाति विभाग द्वारा इस वर्ग के लिए आश्रम संचालित थे जिनमें कक्षा 01 से 8 तक निःशुल्क शिक्षा व्यवस्था, भोजन, आवास दिये जाते थे जिसे वर्ष 2016 से बंद कर दिये गये है। इन कन्या एवं बालक आश्रमो में कक्षा 01 से 08 तक के बच्चों को प्रवेश दिये जाते थे शासकीय भवन आज भी मौजूद है और स्टॉफ आज भी मौजूद है कन्या और बालक आश्रमों को बंद करके 14 वर्ष के बच्चों को शिक्षा से वंचित किया गया है कन्या और बालक आश्रम बंद करने या अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाये।
(13) अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति विभाग के जिला एवं संभाग में अनुसूचित जाति जनजाति धर्म के जिला और संभाग स्तर के अधिकारी पदस्थ किये जाये तथा इसी प्रकार आयुक्त और प्रमुख सचिव भी इन्ही वर्गों के पदस्थ किये जाये।
(14) अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग पर हो रहे अन्याय एवं अत्याचारों पर रोक लगाई जाये और इन यस के अधिकारी व कर्मचारियों को शासन के नियम और कानून के विरूद्ध जाकर उत्पीड़ित किया जा रहा है जब कि शासन के स्पष्ट निर्देश है कि इन वर्ग के अधिकारी व कर्मचारियों के साथ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाये महत्पूर्ण पदो पर पदस्थ किया जाये महत्वपूर्ण पदो व शाखाओं का प्रभार दिया जाये और इन वर्गों के अधिकारी व कर्मचारी को शहर में ही पदस्थ किया जाये और नियमों का पालन कराया जाये।
(15) अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के फर्जी जाति प्रमाण पत्रों से कई अधिकारी व कर्मचारी नौकरी कर रहे है। इनके जाति प्रमाण पत्रों की उच्च स्तर पर जांच कराकर निरस्त किये जाये और फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी करने वाले अधिकारी व कर्मचारी के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाये।
(16) मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण थाने स्थापित है एस.डी.ओ.पी. और पुलिस अधीक्षक भी पदस्थ है इन वर्गों के लिए स्थापित थानो में एस.डी.ओ. पी. पुलिस अधीक्षक और थाना प्रभारी इन्ही पगों के पदस्थ किये जायें।
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(14) में अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण थाने स्थापित है एस.डी.ओ.पी. और पुलिस अधीक्षक भी पदस्थ है इन वर्गों के लिए स्थापित थानो में एस.डी.ओ. पी. पुलिस अधीक्षक और थाना प्रभारी इन्ही पगों के पदस्थ किये जायें।
(17) ग्वालियर चंबल संभाग के जिलों में बरसों से अशासकीय कॉलेज के माध्यम से जनजाति कार्य विभाग के अधिकारियों द्वारा अरबों रुपए का छात्रवृत्ति घोटाला हुआ है जिसकी शिकायत जिला प्रशासन से लेकर मध्य प्रदेश शासन को विभिन्न संगठनों द्वारा वर्ष 2016-17 से की जा रही हैं कुछ जांचों में अधिकारी दोषी भी हुए है कुछ की जांच नहीं की जा रही है जिन अधिकारियों की शिकायत हैं उन अधिकारियों को जिला संयोजक सहायक आयुक्त संभागीय उपायुक्त के पदों से प्रभार हटाया जाए ताकि शिकायतों की निष्पक्ष जांच हो सके और जो दोषी हैं उनको निलंबित कर विभागीय जांच स्थापित की जाए दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएl
से कार्यवाही की जाये
(18) ग्वालियर एवं संभाग के जिलों में फर्जी प्राति घोटाले में बाबू और कम्प्यूटर ऑपरेटर के भी हो चुके है और सभी जा चुके है जबकि फर्जी छात्र के लिए मुख् रूप से सहायक आयुक्त जिला और भागीय उपायुक्त दोषी है इनके विरुद्ध आज तक कार्यवाही नहीं की जा रही है कार्यवाहकी जाये।
(19) जनजातिय कार्यविभाग के और अनुसूचित जाति विभाग के विद्यालय छात्रावास आश्रम की मरम्मद के लिए प्रत्येक जिली को कर दिये गये है लेकिन मरम्मद में कराकर संपूर्ण राशि सहायक आयुक्त एवं जिला संयोजक डकार रहे है शासन से प्रत्येक जिले में कितना बजट प्राप्त हुआ प्रत्येक जिले के किस किसी छात्रावास आश्रम में कितनी राशियां दी गई और क्या-क्या कार्य कराये गये। भौतिक सत्यापन कराकर जांच कराई जाये
(20)जनजाति कार्यविभाग के जिला संभाग अधिकारियों की कई गंभीर शिकायते जिला संभाग पर बित है कुछ की कर खाना पूर्ति की गई है और अधिकारियों को बचाया गया है वर्ष 2016 से जितनी भी शिकायत की है जिन जिन की शिकायत की गई उनको बुलाकर शिकायतकर्ताओं के कान लेकर जांच की जाये जांच से पूर्व जिन अधिकारियों की शिकायत है उनको पदों से हटाया जाये सभी नियं और सही जांच होगी।
(21) जातिय कार्यविभाग और अनुसूचित जाति विभाग के कई विद्यालय प्राचार्यहीन है जिला और संभाग कार्यालय में पदस्थ प्राचार्या एवं जिला संयोजक सहायक आयुक्त के प्रभार से प्राचार्यों को मुक्त विभागों के विद्यालय में रिक्त प्राचार्य के पद पर पदस्थ किया जाये।
(22) कई से आदिवासियों के नाम के.सी.सी एवं अन्य माध्यम से बैंक मैनेजर ने एवं बैंक दलालो ने रुकी राशि निकाली है। इनकी जांच की जाये उदाहरण के लिये भारतीय स्टेट बैंक शाखा करहिया जिला ग्वालियर की बैंक से लगभग 7 करोड़ का घोटाला किया गया है। इसकी जांच की जाये और जिनके नाम से फर्जी तरीके से राशि निकाली गई है मौके पर जाकर उनके भौतिक सत्यापन के आधार पर कार्यवाही की जाये और दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाय l
ज्ञापन सौंपने वालों दारा सिंह कटारे संदीप सोलंकी सहित लगभग 100 आदिवासी पुरुष महिलाएं कमिश्नर कार्यालय पर धरने पर बैठे कमिश्नर ग्वालियर द्वारा दलित आदिवासी महापंचायत के 7 प्रतिनिधियों को बुलाकर चर्चा की।