संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ बाबा सा.भीमराव अंबेडकर की जयंती की पूर्व बेला पर दतिया परिसर में पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया दतिया परिसर के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व डीएसपी पी.एल लोहारिया विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार एवं श्रमजीवी पत्रकार संघ के आध्यक्ष श्री जगत शर्मा एवं शिक्षक रामप्रसाद वर्मा जी शामिल रहे ।
उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा की डॉ आम्बेडकर जी का संघर्ष एक अलग पहचान रखता है । आज के युवा पीड़ी को डॉ आंबेडकर जी के बारे में जरूर जानना चाइये जिससे समाज का हित किया जा सके संविधान निर्माता डॉ आंबेडकर सदैव सत्य के साथ खड़े रहे और उन्होंने किसी भी प्रकार के प्रलोभनों के सामने न झुककर अपना संघर्ष जरी रखा।
जिसमें अतिथिगण ने भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर, श्रद्धांजलि दी। मुख्य अतिथि ने कहा कि बाबा सा. ने ना सिर्फ देश का संविधान बनाया बल्कि देश में सामाजिक समरसता को भी स्थापित किया।
देश के नवनिर्माण में बाबा सा. भीमराव अंबेडकर का योगदान भुलाया नहीं जा सकता। आज के युवाओं को बाबा सा. के जीवन मूल्यों एवं शिक्षा से सबक लेना चाहिए। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर ,संविधान निर्माता डॉ आम्बेडकर जी के के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।
इस गरिमामय कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित वरिष्ठ पत्रकार श्री जगत शर्मा द्वारा डॉ आंबेडकर जी की तस्वीर पर फूल माला अर्पित कर उनके जीवन पर प्रकाश डाला कार्यक्रम का संचालन शिक्षक श्री अंकित मुवेल ने किया और दतिया परिसर में नये सत्र में पाठ्यक्रमो के बारे में बताया बीए जनसंचार ऍमए जनसंचार एवं ग्रामीण पत्रकारिता में प्रवेश लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए संपर्क 9827078503 नो दिया ।
इस अवसर पर छात्र छात्राओं सहित दीपक यादव,अखलेश कुशवाहा पत्रकार रजनी लिटोरिया, पत्रकार राजेंद्र पटवा ,श्रीमती सुमन कनकने,श्रीमती ज्योति नामदेव,श्रीमती आशा दांगी,राहुल यादव,धर्मेन्द्र कुशवाह राकेश कुशवाह उपस्थित रहे। आभार प्रदर्शन शिक्षक श्री अक्षर पत्सरिया द्वारा किया गया।
मुख्य कार्यक्रम अपराह्न में भोपाल परिसर में आयोजित किया गया ।जिसमें ‘बाबा सा. का शिक्षा दर्शन’ विषय पर स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया ।जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ) खेमसिंह डहेरिया ने अपने विचार विद्यार्थियों के सामने प्रस्तुत किए।
अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के.जी. सुरेश ने की।