सैनिक कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी और अनुशासन का प्रतिबिंब होता है
राजनाथ सिंह
*विशाखापट्टनम का सिपाही कश्मीर में शहीद होता है इसलिए सिपाही का सम्मान राष्ट्रीय एकीकरण के लिए आवश्यक है* लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह वीरेंद्र सिंह सेंगर गाजियाबाद। आज दिनांक 21 दिसंबर 2024, क्लाइड ग्रांड होटल, साहिबाबाद, गाजियाबाद में भारत के रक्षा मंत्री माननीय श्री राजनाथ सिंह जी ने राष्ट्रीय सैनिक संस्था के 17 वें राष्ट्रीय अधिवेशन का ऑन लाइन उद्घाटन किया उन्होंने कहा
आज के दिन को यूनाइटेड नेशन्स और भारत ने मेडिटेशन दिवस घोषित किया है, उन्होंने संस्था के अध्यक्ष कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी और सभी सदस्यों को आज ही के दिन अधिवेशन आयोजित करने के लिए बधाई दी।माननीय श्री राज नाथ सिंह जी ने कहा की सैनिक और पूर्व सैनिक तो अभिनंदन के पात्र हैं ही,उनके परिवारों का भी अभिनंदन किया जाना चाहिए क्योंकि वो चिंता और अनिश्चितता में जीवन व्यतीत करते हैं, उन्होंने
कहा प्रत्येक सैनिक और पूर्व सैनिक, कर्तव्य निष्ठा, अनुशासन और ईमानदारी का प्रतिबिंब है। उत्तराखंड के राज्यपाल माननीय लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह जी ने कहा विशाखापट्टनम का सिपाही जम्मू कश्मीर में आकर अपना सर्वोच्च बलिदान देता है, इसलिए शहीदों का सम्मान राष्ट्रीय एकीकरण के लिए आवश्यक है क्योंकि शहीद किसी एक गांव या शहर का नहीं होता बल्कि पू
रे देश का होता है बतौर मुख्य अतिथि जनरल गुरमीत सिंह जी ने राष्ट्रीय सैनिक संस्था की कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया।विश्व शांति केंद्र के संस्थापक आचार्य लोकेश मुनि ने कहा की सहनशीलता व्यक्तिगत चरित्र का हिस्सा है परंतु जब देश की सुरक्षा का सवाल हो
तो सहनशीलता शून्य होनी चाहिए, उन्होंने कहा की देश की वर्तमान स्थिति ऐसी है की राष्ट्रीय एकीकरण के प्रयास विधुत की गति से किए जाने चाहिए | शहीद सिपाहियो के परिवारों का सम्मान इस दिशा मे एक महत्वपूर्ण कदम है। बेंगकोक से आए पदमश्री डा पी चिरपत ने बताया की भारत की स्वतन्त्रता मे थाईलैंड और टीबीसीएल (थाई भारत कल्चरल लाॅज) मुख्य भूमिका रही है
, दूसरे विश्व युद्ध के दौरान नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अपनी रणनीति यही से बनाई थी।मेजर जनरल ओ पी सोनी, मेजर जनरल असवाल ने अपने अपने शब्दो मे बताया की देश की वर्तमान स्थिति में देश की एकता बनाए रखने की चिल्लाती हुई आवश्यकता है इसलिए शहीदो के परिवारों का सम्मान, हर अवसर
पर, हर जगह, बार बार और हर स्तर पर करने से स्वत: ही देश की एकता प्रारम्भ हो जाएगी।इस अवसर पर शहीदों के परिवारों को उपहार देकर सम्मानित किया गया, शहीदों की आरती गाई गई और राष्ट्रीय सैनिक संस्था के द्वारा किए गए कार्यो का उल्लेख किया गया।20 प्रदेशों के शीर्ष पदाधिकारियों ने 17वें राष्ट्रीय
अधिवेशन मे भाग लिया जिनमे शामिल है केरला के प्रदेश अध्यक्ष ब्रिगेडियर एन वी नायर, दादरा नगर हवेली के प्रदेश अध्यक्ष राम वीर ठाकुर, राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष कर्नल पीयूष अग्रवाल, उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष कैप्टन के पी सिंह , बिहार के प्रदेश अध्यक्ष कैप्टन द्रीजेन्द्र पांडे, उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष कर्नल एम के शर्मा, मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष कर्नल एम के त्यागी, पोर्ट ब्लेयर के प्रदेश अध्यक्ष एस सुदर्शन राव,
हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष कर्नल के के एस माकेन, एन सी आर के प्रदेश अध्यक्ष कर्नल मुकेश त्यागी, गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष ऐयर कमांडर सुरेन्द्र त्यागी, वेस्ट बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष गौरव सेनानी बीजोय कुमार नायक, मणिपुर से कर्नल जोय राज सिंह, छतीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष पंडित आर के तिवारी, वेस्टर्न यूपी के प्रदेश अध्यक्ष गौरव सेनानी मनवीर सिंह, राजस्थान की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्षा श्रीमति मधु शर्मा
, उत्तरप्रदेश की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्षा प्रोफेसर नीलम पवार, बिहार की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्षा श्रीमति सुनंदा सिंह, तेलंगाना की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्षा डा निशिता दीक्षित, हरियाणा की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्षा चित्रलेखा, एन सी आर की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्षा श्रीमति उषा राणा, दिल्ली की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्षा श्रीमति उर्वशी वालिया, महाराष्ट्र की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्षा
श्रीमति लता श्री वडनेरे , वेस्टर्न यूपी की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्षा श्रीमति सुमन त्यागी।राष्ट्रीय सैनिक संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीर चक्र प्राप्त कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी ने बताया की राष्ट्रीय सैनिक संस्था एक 24 वर्ष पुराना पंजीकृत, अराजनैतिक ऐसा संगठन है जिसमें पूर्व सैनिक और देश भक्त नागरिक दोनों ही शामिल है
, आज राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह का धवल चरित्र और निष्कलंक संगठन कोई दूसरा नही है भावी रणनीति तय करते हुये कर्नल त्यागी ने कहा की अब हम पूरा समय युवाओ को प्रारम्भिक सैनिक प्रशिक्षण देने में और शहीदों के परिवारों का सम्मान करने मे लगायेंगे, चीन और
पाकिस्तान को तो हम भुगत लेंगे लेकिन आधा फ्रंट यानि देश मे रह के देश की प्रतिष्ठा के विरुद्ध बोलने वाले लोगों का सामूहिक और सार्वजनिक बहिष्कार करना हमारा नीति का हिस्सा होगा भविष्य में हम इस तरह के ब्यान बर्दास्त नहीं करेंगे कि – क्या
पाकिस्तान ने चूड़ियाँ पहन रखीं हैं?, हिंदुस्तान सेना त्वांग में पीटकर आ गई, फौज और आतंकियो मे गठ जोड़ है , अथवा चीन का राज हिंदुस्तान मे आए तो अच्छा है सरकार कुछ करे न करे
, हम ऐसे लोगों का सामाजिक और सार्वजनिक बहिष्कार करेंगे।कार्यक्र्म का संचालन राष्ट्रीय सचिव गौरव सेनानी राजेन्द्र बगासी ने किया।