विजय बौद्ध संपादक दि बुद्धिस्ट टाइम्स भोपाल मध्य प्रदेश,,
कल संसद भवन के सेंट्रल हाल में दलित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का विदाई समारोह संपन्न हुआ। इस अवसर पर रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में कहा, देश विकास की राह पर है। विपक्षी दल, जातिगत और परिवारवाद की राजनीति से ऊपर उठे,,,, रामनाथ कोविंद जी,, आप जिस पार्टी से है, उस पार्टी में भी चरम सीमा तक जातिवाद एवं परिवारवाद है। बल्कि वह पार्टी ही नहीं ब्राह्मणवाद है। आपके पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रसाद नड्डा जबलपुर की पूर्व सांसद ब्राह्मण जयश्री बनर्जी का दामाद है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का बेटा ,,गली मोहल्ले का लड़का, रातों-रात सांसद बना दिया गया। भाजपा में परिवारवाद जातिवाद पर यदि लिखूंगा तो एक पुस्तक लिखना पड़ेगा। संघ,, आरएस एस ,,,भाजपा, तो दलित आदिवासीयों के लिए मौत के कुएं की तरह है।
आप के कार्यकाल में देश में सबसे ज्यादा दलितों पर आदिवासियों पर और अल्पसंख्यकों पर सुनियोजित षड्यंत्र के तहत हमले किए गए। उन पर अत्याचार किया गया। दलित बहनों बेटियों के साथ बलात्कार और हत्या की गई है। आपको अपने विदाई समारोह में यह बताना था, कि ब्राह्मणवादी मनुवादी फासीवादी सरकार ने देश को विनाश के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है।
फासीवादी ताकतें, कांग्रेस मुक्त भारत, फिर ,,विपक्ष मुक्त भारत,, बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं। जनता द्वारा चुने हुए विधायकों, सांसदों की खरीद-फरोख्त कर विपक्ष की सरकार गिरा कर लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। हाल ही में महाराष्ट्र में शिवसेना उद्धव ठाकरे की सरकार गिराने एकनाथ शिंदे को अपना गुलाम बना कर उस के माध्यम से 50 50 करोड़ में विधायकों की खरीद-फरोख्त कर भाजपा समर्थित सरकार बनाई गई।
इसके पूर्व मध्य प्रदेश में भी ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपना गुलाम बना कर विधायकों की खरीद-फरोख्त कर कांग्रेस कमलनाथ की सरकार गिरा कर भाजपा की सरकार बनाई गई। अन्य प्रदेशों में भी फासीवादी ताकतों का इसी तरह प्रयास हथकंडा षड्यंत्र जारी है।
और इस षड्यंत्र के मास्टरमाइंड एक तड़ीपार है, जो आपके पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। और ऐसे व्यक्ति के सामने कई बार आप हाथ जोड़कर नतमस्तक होते दिखे हैं। आपको तो अपनी प्रतिष्ठा और गरिमा का कोई लिहाज ही नहीं है। परंतु हमें शर्मसार होना पड़ता है, क्योंकि आप हमारे देश के सर्वोच्च व्यक्ति राष्ट्रपति थे। परंतु इसमें आपका कोई कसूर नहीं है, क्योंकि आप उनके मानसिक गुलाम थे। और इसी मानसिक गुलामी के चलते आपको देश की बर्बादी का जरा भी अंदाजा नहीं है। देश में गरीबी भुखमरी बेरोजगारी महंगाई चरम सीमा पर है। देश पर 1,,28 लाख करोड़ का कर्जा है।
भारत देश,, बांग्लादेश, नेपाल से भी पिछड़ गया है। श्रीलंका से भी अधिक भयानक हालात स्थिति से भारत देश गुजर रहा है। श्रीलंका में विद्रोही लोग हैं जो, इसलिए तख्तापलट हुआ है। यहां अधिक लोग मूर्ख एवं मानसिक गुलाम है। इसलिए बगावत नहीं कर रहे हैं। देश में 2.4 करोड लोगों को एक वक्त का खाना नसीब नहीं हो रहा है।
ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2021 की रिपोर्ट के अनुसार देश की बड़ी आबादी कुपोषित है। यूएन की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में एक चौथाई भूखे कुपोषित उसमें 29% लोग भारत के हैं। देश में बेरोजगारी से 9000 और आर्थिक तंगी के कारण 16000 लोग दिवालिया हो गए एवं आत्महत्या कर ली है। यह आंकड़े स्वयं सरकार ने संसद में पेश किए हैं।
देश में 4.27 करोड़ युवा बेरोजगार सड़क पर घूम कर आत्महत्या करने के प्रयास कर रहे हैं। जिस भारत के आप राष्ट्रपति पद से आज विदाई ले रहे हैं, और उस विदाई समारोह में आप बोल रहे हैं, कि देश विकास की राह पर है। जबकि देश की संपत्ति तथाकथित पूंजीपति अदानी अंबानी जैसे देशद्रोही लोगों को बेची जा रही है। ,,,,निजीकरण कर देश को गुलामी की ओर धकेला जा रहा है।
देश में धर्म के नाम पर नफरत और जहर फैलाया जा रहा है। धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र को हिंदू राष्ट्र बनाने का षड्यंत्र किया जा रहा है। देश का संविधान बदलकर मनुस्मृति का शासन लाने की पूरी योजना बनाई गई है। न्यायालय, न्यायाधीशों पर दबाव, प्रलोभन देकर दलित आदिवासी एवं अल्पसंख्यकों के खिलाफ निर्णय करवाए जा रहे हैं। और अयोध्या विवादित ढांचे में बौद्धों की याचिका को दरकिनार कर, बिना साक्ष्य प्रमाण के हिंदुओं के पक्ष में राम मंदिर बनाने का फैसला दिया गया है। जबकि अयोध्या वह साकेत नगरी है। जहां खुदाई समतलीकरण में कई बुद्ध मूर्तियां एवं सम्राट अशोक कालीन अवशेष मिले हैं। बौद्ध धम्म एवं बौद्ध विरासत को नष्ट किए जाने वर्षों से संयंत्र जारी है। और आप कहते हैं, देश विकास की ओर बढ़ रहा है। किसका विकास हो रहा हैः अडानी अंबानी उद्योगपतियों का,, जिनका अरबों खरबों रुपया कर्ज माफ किया जा रहा है।
किसका विकास हो रहा हैॽ गुंडे बदमाश तड़ीपारो का,, बिकाऊ विधायकों, सांसदों का या गुलाम मानसिकता के एससी एसटी ओबीसी नेताओं काॽ बता पाएंगे,,, किसी विद्रोही, बगावती लोगों का विकास हुआ हैॽ नहीं बल्कि उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कर उन्हें जेल में ठूंसा जा रहा है। और सुनियोजित षड्यंत्र के तहत उनकी हत्या कर दी जा रही हैआज भी देश में करोड़ों लोग भूखे नंगे बेघर है, आसमान उनकी छत है। लोगों को रोजगार नहीं होने के कारण गांवों से शहरों की ओर मजदूर पलायन कर भुखमरी के शिकार है। देश में करोड़ों शिक्षित नौजवान बेरोजगार है, रोजगार नहीं मिलने के कारण आत्महत्या करने मजबूर है।
आरएसएस,, संघ भाजपा ने आदिवासियों में अपनी पैठ बनाने स्वयं आदिवासी हितेषी प्रस्तुत की जाने की मंशा से उड़ीसा की आदिवासी महिला द्रोपति मुर्मू को राष्ट्रपति प्रत्याशी बनाया। और वह राष्ट्रपति भी बन गई है। कल उस राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू का ब्राह्मणों द्वारा मंत्र जाप कर शुद्धिकरण किया गया। अब द्रोपति मुर्मू शुद्धीकरण के बाद कल 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ लेगी।अब वह पूर्ण रूप से ब्राह्मणवादी मनुवादी हो गई है। अब आदिवासियों के हक अधिकारों को कुचलने में उसे कोई परहेज नहीं होगा। जिस तरह दलित रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति के रहते दलितों के हक अधिकारों को कुचला गया। कल एक वीडियो देखकर मैं हैरान हो गया।
एक तरफ देश की राष्ट्रपति आदिवासी समाज से द्रोपति मुर्मू को बनाया गया है। दूसरी तरफ संघ फासीवादी मनुवादी ताकते आदिवासियों की वर्षों पुरानी ऐतिहासिक 200 एकड़ जमीन हड़पने और उस जमीन पर भगवा लहराने की फिराक में है। राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के मानगढ़ आदिवासी स्थल को भगवाकरण की जाने का षडयंत्र रचा गया है। इस स्थल जमीन के लिए 17 नवंबर 1913 को अंग्रेजों ने 15 सौ से अधिक भील आदिवासियों को गोली गोली से भून डाला था। उस जमीन के संरक्षण अपनी विरासत को बचाने, राजस्थान गुजरात महाराष्ट्र मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों के लाखों आदिवासी मानगढ़ आदिवासी विरासत ,,धाम,, पर कल इकट्ठे होकर भगवाकरण का विरोध कर रहे हैं। मानगढ़ धाम को भाजपा राष्ट्रीय स्मारक घोषित करना चाहती है।
जबकि आदिवासी परिवार और भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा,,, भाजपा को चुनौती दे रहा है।, भाजपा की ओर से वाहन रैली के माध्यम से आदिवासियों के मानगढ़ धाम पर अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत बीते दिनों 12000 कार्यकर्ताओं को जुटाया गया था। उसी स्थान पर नए राजनीतिक संगठन पार्टी कार्यकर्ताओं ने कहा कि आदिवासी मानगढ़ धाम का किसी भी सूरत पर भगवाकरण नहीं होने देंगे। एक तरफ आर एस एस भाजपा आदिवासी राष्ट्रपति बनाकर आदिवासियों की हित चिंतक स्वयं को प्रस्तुत कर रही है। दूसरी तरफ आदिवासियों की ऐतिहासिक धरोहर कुर्बानी स्थल मानगढ़ धाम को हड़पने में लगी हुई है।
जिसे बचाने आदिवासी संगठित होकर संघर्ष कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना ने कहा है, कि विपक्ष को चलकर राज करना खतरनाक है। उन्होंने कहा राजनीति में परिदृश्य में आ रही गिरावट पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि आज सत्ता पक्ष विरोधियों को कुचलने की सोच रखता है। दुर्भाग्य से विपक्ष के लिए स्थान कम हो रहा है। सरकार के खिलाफ बोलने पर विपक्ष के साथ रिश्ता दुश्मनी में बदलते जा रहा है।
यह देश में स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छे संकेत नहीं है। पहले सरकार विपक्ष में एक दूसरे के प्रति सम्मान हुआ करता था। अब बिना विस्तृत चर्चा ,बिना छानबीन के विधेयक पारित कर कानून बनाए जा रहे हैं। और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने विदाई समारोह में देश को विकास की राह पर और विपक्ष को जातिवाद परिवाद वाद से ऊपर उठने की सलाह दे रहे हैं। भाजपा ब्राह्मणवादी मनुवादी विचारधारा की राजनीतिक दल है वह सबसे बड़ा जातिवादी और एक आतंकवादी विचारधारा है। देश का विकास नहीं विनाश हो रहा है। दलित आदिवासी की राजनीति छोड़ कर देश भक्ति और राष्ट्र सेवा के लिए तमाम देश के बुद्धिजीवियों को संगठित संघर्ष करने की आवश्यकता है।