कबीर मिशन समाचार। पवन सावले– 2020 में खत्म हो गई स्कूल की मान्यता, इसके बाद भी प्रवेश के नाम पर बच्चों के भविष्य के साथ किया खिलवाड़
धार, सरदारपुर। ग्राम राजोद में स्थित निजी स्कूल के विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा से वंचित रह गए हैं। सोमवार सुबह जब विद्यार्थी परीक्षा देने के लिए पहुंचे तो उनके पास प्रवेश पत्र नहीं था। स्कूल प्रबंधन ने विद्यार्थियों को आज परीक्षा के पहले प्रवेश-पत्र देने की बात कही थी किंतु प्रवेश पत्र नहीं होने से विद्यार्थियों को कक्षा में प्रवेश नहीं दिया गया। पूरे साल पढाई करने के बाद आज अचानक परीक्षा में शामिल नहीं होने से नाराज विद्यार्थी सहित पाठकों ने बदनावर-सरदारपुर मार्ग पर चक्काजाम कर दिया, सूचना के बाद राजोद पुलिस टीम मौके पर पहुंची व परिजनों से चर्चा की जा रही है।
जानकारी के अनुसार ग्राम राजोद में मुख्य मार्ग पर अर्चना विद्यापीठ नाम से निजी स्कूल संचालित होता है। स्कूल प्रबंधन द्वारा कक्षा 10वीं व 12वीं की पढाई को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के कई बच्चों का एडमिशन किया था, साल के अंत में अब बोर्ड परीक्षा की बारी आई तो बच्चे परीक्षा से वंचित रह गए है। सोमवार को 10 वी बोर्ड परीक्षा के 31 विद्यार्थी व 12 वीं कक्षा के 44 से अधिक विद्यार्थियों को अभी तक प्रवेश पत्र नहीं मिला हैं। जिसके कारण ही चक्काजाम किया गया है। निजी स्कूल अर्चना विद्यापीठ पर बच्चों के भविष्य का खिलवाड़ का आरोप लगाते हुए पलकों ने प्रशासन से तुरंत ही बच्चों के भविष्य को देखते हुए निर्णय लेने की बात कही।
साथ ही उक्त निजी स्कूलों संचालको पर कार्यवाही की मांग की है। मौके पर सरदारपुर एसडीएम विशाल धाकड़ सहीत आला अधिकारीयों द्वारा विद्यार्थीयों के पालको से चर्चा की जा रही है।प्रशासन से कार्रवाई की मांग : विद्यार्थियों के पालकों के अनुसार आज से कक्षा दसवीं के बोर्ड की परीक्षा प्रारंभ हुई है। 6 फरवरी से 12वीं के बोर्ड की परीक्षा प्रारंभ होना है। ऐसे में विद्यालय द्वारा बच्चों को परीक्षा के प्रवेश पत्र नहीं दिए गए तथा कल रात तक आज सुबह दिए जाने की बात कही जा रही थी। आज सुबह भी जब विद्यालय पहुंचे तो विद्यार्थियों को प्रवेश पत्र नहीं मिले।
इसके बाद बच्चों का भविष्य अधर में अटक गया है। बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं परीक्षा से वंचित हो गए हैं ऐसे में प्रशासन तुरंत ही कार्रवाई करें और इन बच्चों के भविष्य को लेकर निर्णय ले।अपर कलेक्टर अश्विनी कुमार रावत ने बताया कि ग्राम राजोद में स्कूल संचालित किया जा रहा था जिसकी 2020 से मान्यता नही थी। जिला शिक्षा अधिकारी को इस तरह के स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा है। बच्चों के लिए जो भी व्यवस्थाएं करवाई जाएंगी।