आपदा राहत कण्ट्रोल रूम का नम्बर-05564-240590, 9454416282 एवं-1077 हुआ जारी
जिला ब्यूरो चीफ योगेश गोविन्द राव कबीर मिशन समाचार पत्र कुशीनगर उत्तर प्रदेश।
कुशीनगर में गण्डक नदी में 5 लाख क्यूसेक से ऊपर पानी नेपाल के बाल्मीकिनगर बैराज से छोड़े जाने के कारण नदी का जल स्तर बढ़ा, जिससे की सालिकपुर, महादेवा, मरचहवा, शिवपुर, बसंतपुर, नारायणपूर, हरिहरपुर, भगवानपुर का एक टोला, सोहगी बरवा आदि ग्रामों में जलस्तर भी बढ़ा। जलस्तर बढ़ने से प्रभावित ग्रामों का मा0 विधायक खड्डा विवेकानंद पांडेय, जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज एवं पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा संयुक्त रूप से जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ जायजा लेने पहुंचे। निरीक्षण के दौरान ग्रामवासियों को बाढ़ राहत कीट भी प्रदान किया गया तथा ग्राम वासियों से संवाद भी किया तथा उन्होंने उप जिलाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि जो लोग भी बाढ़ से प्रभावित है
उनके लिए बाढ़ राहत के दृष्टिगत सभी बाढ़ राहत शिविर स्थल सक्रिय कर दिए जाए। साथ ही साथ सभी बाढ़ सुरक्षा चौकी, शरणार्थी स्थल, तथा कम्युनिटी किचन को सक्रिय कर दिया जाए जिससे कि किसी प्रकार की कोई भी ग्राम वासियों को असुविधा न हो । पशुओं के लिए भी उचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने सभी ग्राम वासियों से अपील किया की सुरक्षित एवं चिन्हित उचित स्थान पर ही आप सब लोग ठहरे एवं खान पान बनाए । चिकित्सा एवं अन्य राहत खाद्य सामग्री भी उचित मात्रा में वितरित किया जाए। जिला प्रशासन के तहसील स्तर की टीम , एसडीआरएफ टीम आदि सक्रियता से कार्य करें। राहत सामग्री सभी में समान रूप से वितरित किया जाए। एसडीआरएफ की टीम को निर्देशित भी किया गया है कि सभी लोगों को सुरक्षित चिन्हित स्थलों पर पहुंचा दिए जाए तथा कोई अगर फसा हो तो उसे तुरंत रेस्क्यू किया जाए। मेडिकल टीम भी सक्रिय होकर कार्य करें।
मीडियाकर्मियों से संवाद कर मा0 विधायक एवं जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ के सम्बन्ध में जिला प्रशासन द्वारा सम्पूर्ण तैयारी, राहत व बचाव हेतु उपाय किए गये हैं। इसके लिए बाढ़ राहत कीट का वितरण भी किया जा रहा है। कम्युनिटी किचन को सक्रिय कर दिया गया जिसमे प्रभावित लोगों के लिए खाना भी बन रहा है। सभी ग्रामवासियों के जान माल की सुरक्षा हमारा नैतिक कर्तव्य है, हमारी प्राथमिकता है। जिला प्रशासन हर तरह से सक्रिय होकर कार्य कर रहा है। अपर जिलाधिकारी (वि/रा) कुशीनगर , अपर पुलिस अधीक्षक, क्षेत्राधिकारी, आपदा एक्सपर्ट, उपजिलाधिकारी खड्डा , राजस्व निरीक्षक, लेखपाल, पुलिस कर्मी यहां पर अटैंटिव (सतर्कता) और सक्रिय होकर लगातार कार्य कर रहे है।
हालांकि पानी अब स्थिर हो गया है, कुछ स्थानों पर आबादी तक पानी पहुंच गई थी, वहां के लोगों को भी सुरक्षित स्थल पर पहुंचा दिया गया है तथा राहत सामग्री की भी समुचित व्यवस्था की गई है।बाढ़ बचाव हेतु आपदा मित्र भी तैनात है। बाढ़ प्रभावित ग्रामों शिवपुर, बसन्तपुर, मरचहवा, हरिहरपुर, नरायनपुर में पूर्व में राहत चौपाल का आयोजन भी किया गया था। उन्होंने इसी क्रम में बड़ी गण्डक नदी के किनारे आवासित समस्त ग्रामवासियों से अपील किया गया है कि :-
कोई भी जर्जर व बाढग्रस्त क्षेत्र के कच्चे मकान में रात्रि विश्राम न करें। बिजली के खम्भों से दूर रहे। बिजली के उपकरणों का प्रयोग न करें।अपने जानवरों एवं उपयोगी सामान ऊँचाई पर सुरक्षित स्थानों पर रखें।विषधर जीवों (सॉप, बिच्छू आदि) से सतर्क रहे।बाढ़ आने पर किसी ऊँचे स्थान बन्धा या बाढ़ शरणालय में चले जायें।ड्यूटी पर लगे बाढ़ राहत अधिकारियों/कर्मचारियों के निर्देशों का अनुपालन करें।
पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने कहा कि बाढ़ के संवेदनशीलता को देखते हुए नेपाल वाल्मीकि बैराज से अधिक पानी छोड़ा गया था, जिसकी वजह से नदी का जलस्तर भी बढ़ा है। पूरी पुलिस प्रशासन इसमें सक्रिय होकर कार्य कर रही है। एसडीआरएफ टीम भी सक्रिय होकर यहां तैनात रहेगी। आपदा मित्र भी लगातार सतर्कता से अपना योगदान दे रहे है। बाढ़ चौकियों/ संवेदनशील स्थानों पर पुलिस की तैनाती की गई है।
न्होंने बताया कि किसी भी आपदा की स्थिति में ग्रामवासी जिला प्रशासन कुशीनगर के आपदा राहत कण्ट्रोल रूम का नम्बर-05564-240590, मोबाइल न0 9454416282 एवं टोल फ्री नम्बर-1077 पर सम्पर्क कर सकते है।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व वैभव मिश्रा, उप जिलाधिकारी खड्डा ऋषभ पुंडीर, तहसीलदार खड्डा महेश कुमार, आपदा एक्सपर्ट, पुलिस चौकी इंचार्ज, राजस्व निरीक्षक, लेखपाल, ग्राम प्रधान तथा अन्य जनपद स्तरीय अधिकारी एवं कर्मचारी लोग मौजूद रहे।