राजगढ़ जिला अस्पताल में आज (गुरुवार) गुरुवार शाम एक 21 वर्षीय युवती की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर अमर सिंह नशे की हालत में थे और उन्होंने बिना पूरी जांच के इंजेक्शन लगा दिया, जिससे युवती की हालत बिगड़ती चली गई।
कीर्ति मेवाड़े (21) चार दिनों से इलाज करवा रही थी और आज को दोबारा अस्पताल में ड्रिप लगवाने आई थी।
उन्होंने धरने पर बैठकर प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। उन्हें शांत करवाने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा।इलाज के दौरान दम तोड़ने वाली युवती का नाम कीर्ति मेवाड़े है, वह शहर के वार्ड नंबर 11 में रहती थी। परिवार का भरण-पोषण करने एक प्राइवेट मार्ट में कैशियर का काम करती थी।
वह चार दिन से इलाज करा रही थी और आज को दोबारा अस्पताल में ड्रिप लगवाने आई थी, लेकिन उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।डॉक्टर का मेडिकल की मांग पर धरनाकीर्ति की मौत से गुस्साए परिजन और स्थानीय लोग परिजन अस्पताल के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गए, नारेबाजी करने लगे।
वे डॉक्टर के मेडिकल रिपोर्टर आने में देरी से नाराज थे। देखते ही देखते अस्पताल में तनावपूर्ण माहौल बनने लगा। जानकारी मिलते ही एसडीएम रत्नेश श्रीवास्तव और एसडीओपी दिनेश शर्मा भी मौके पर पहुंच गए।
पुलिस ने स्थिति संभालने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया और भीड़ को हटाने के लिए हल्का बल प्रयोग किया।विधायक बोले- डॉक्टर को जिले से बाहर का रास्ता दिखाएंगेघटनाक्रम को लेकर राजगढ़ विधायक अमर सिंह यादव ने कहा कि ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अगर डॉक्टर की गलती से यह हुआ है तो ऐसे डॉक्टरों को जिले से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।वहीं, कोतवाली थाना प्रभारी वीर सिंह ठाकुर ने बताया कि परिजनों की शिकायत पर डॉक्टर का मेडिकल करवाया है। रिपोर्ट आने के बाद उचित कार्रवाई करेंगे।