उज्जैन । मध्यप्रदेश शासन आनंद विभाग, राज्य आनंद संस्थान और अनुभूति दिवा केंद्र उज्जैन के संयुक्त तत्वाधान में शहर के अलग-अलग क्षेत्र के वरिष्ठ प्रबुद्ध नागरिक श्री राजेंद्र व्यास, श्री दिवाकर नातू, श्री प्रेमनारायण नागर, श्री अरविंद जैन, श्री घनश्याम केवलिया, श्री हरिहर शर्मा, श्रीमती सरोज जैसानी का सम्मान किया गया। सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि जिला पंचायत सीईओ श्री अजयदेव शर्मा थे। उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छी परंपरा है कि हम हमारे बुजुर्गों का सम्मान कर रहे है।
बुजुर्ग हमारी धरोहर है। दूसरे राष्ट्रों में भी देखने को मिलता है कि वह वृद्धों के लिए सर्वसुविधायुक्त हाउस बनाते हैं। हालांकि हमारे यहां आज भी संयुक्त परिवार प्रचलित है और उसके आधार पर हम वृद्धों के प्रति सम्मान हमारी संस्कृति का हिस्सा है किंतु आधुनिकता के दौर में इस बात की भी जरूरत समझी जा रही है कि हमारे बुजुर्ग घर में अकेले रह जाते हैं और उनको अकेलापन न हो, वे डिप्रेशन में न जाएं। कहीं न कहीं उनका मानसिक संबल बना रहे। इसलिए बहुत जरूरी हो जाता है अनुभूति दिवा केंद्र जैसे संस्थानों का आगे आना। अनुभूति दिवा केंद्र की अध्यक्ष श्रीमती आभा शर्मा ने कहा कि समाज में बुजुर्गों को सहारे, सहयोग और स्नेह की जरूरत है। हम इस संस्था के माध्यम से बुर्जुगों को एक साथ रख उनकी रचनात्मकता को आगे बड़ाने का प्रयास कर रहे है। केंद्र की सचिव डॉ.संध्या सक्सेना ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम के सूत्रधार जिला समन्वयक आनंद विभाग डॉ.प्रवीण जोशी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह आज एक बड़ा अच्छा संयोग है कि राज्य आनंद संस्थान के बारह महीने के कार्यक्रमों की श्रृंखला में अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस अनुभूति दिवा केंद्र के साथ मनाया है। आयोजन में श्री राजेश शर्मा, श्री अंकित शर्मा, श्री जितेंद्र मालवीय, विजय खांडेकर, जी.पल.डाबरे, डॉ. अनामिका सोनी, श्री राकेश भार्गव जी, डॉ. पंकज पाटीदार, श्री दीपक सोनी, श्री मुक्तेश त्रिवेदी, डॉ. स्वामीनाथ पांडे, डॉ. तनु दुबे, श्रीमती प्रीति गोयल, श्रीमती अदिति लोखंडे, श्रीमती अमृता चतुर्वेदी, श्रीमती शिवानी शुक्ला, श्री राकेश भार्गव, श्रीमती मधु गुप्ता, श्रीमती ज्योति दीक्षित, श्रीमती माधुरी सोलंकी, संजय चोकड़े, श्री केशव जोशी, श्री रामचंद्र चौधरी, वैशाली त्रिवेदी, श्री आशुतोष, श्री अभिषेक, श्रीमती वनीता वाघे, श्रीमती सावित्री महंत, साधना सेठी और अन्य सभी आनंदक सदस्य उपस्थित थे। पूरे आयोजन का संचालन स्वामी मुस्कुराके ने किया।