नरसिंहपुर जिले में धान के पौधों का रोपड़ युद्ध स्तर पर चल रहा है धान के पौधों का रोपा गावं के लोग आपस मे मिलकर लगाते हैं, खेती करने के लिए आपसी समन्वय बहुत जरूरी है खेती करने की यह परंपरा हमे मिलन सार सहृदय और विनम्र बनती है ये समाज की वो परंपरा है जो संस्कृति रूपी पौधों का रोपण करती हैं इससे आपसी भाई चारा और सहयोग की भावना बड़ती है खेती करना किसानों के लिए उनकी जीविका का प्रमुख आधार है नरसिंहपुर जिले में 80 प्रतिशत के लगभग लोग खेती पर आपना जीवन यापन करते हैं ।
किसानो के विकास की गति को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए सरकार किसानों की समृद्धि और खुशहाली के लिए प्रतिबद्ध है धान रोपण के लिए गावं के मजदूर एक 20,25 लोगों की टोली बना लेते है और 4500, प्रति एकड़ के हिसाब से धान का रोपण करते हैं गिरते पानी मे घुटने खेत की कीचड़ में दिन दिन भार मेहनत करते हैं करीबन 20,25 दिन रोपण करते हैं और किसानो की उपज मे इन मजदूरों का बड़ा योगदान रहता वर्षों से इनके पेर और हाथ पानी मे निरन्तर रहने से कई तरह की बीमारियों के शिकार हो जाते है मप्र शासन के कृषि मंत्री एवं जिला कलेक्टर महोदया से निवेदन है इसे मजदूरों के छात्रः छात्राओं को विशेष छात्रवृति की व्यवस्था और मजदूरों को बीमार होने पर दबाव राशन निशुल्क दी जाए मजदूरों को चिन्हित करने के बाद ये सुविधा की मांग की है।
बद्री प्रसाद कौरव मप्र जनरल सेकेट्ररी ऑल इंडिया बेक वर्ड क्लासेस फेडरेशन मप्र।