काली पट्टी बांधकर बांधकर अंबेडकर प्रतिमा के पास दिया धरना।आष्टा ।
भारत के संविधान निर्माता डॉक्टर अंबेडकर का नाम लेकर अर्थात अंबेडकर अंबेडकर करने वाले
नेताओं द्वारा इतनी ही बार भगवान का नाम लिया होता तो सात जन्मों के लिए स्वर्ग मिल गया होता। गृहमंत्री अमित शाह के इस बयान से पूरे देश के अंबेडकर और संविधान को मानने वाले लोग बहुत आक्रोश है। पूरे देश में विरोध प्रदर्शन के साथ ही अमित शाह के पुतले जलाए जा रह है।
एवं दिनों दिन यह विरोध तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी में आज आष्टा विधानसभा के अंबेडकर अनुयायियों समाज सेवियों एवं संविधान को मानने वाले नेताओं के द्वारा एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन का आयोजन अंबेडकर भवन में अंबेडकर प्रतिमा के पास रखा गया।जो लगभग तीन घंटे तक चलता रहा ।
जहां दोपहर 12:00 बजे से ही लोगों का आना जाना चलता रहा। धरना स्तर पर पुलिस की ज्यादा मौजूदगी से लोग रुकने से कतराते रहे ।इस धरना प्रदर्शन का नेतृत्व समाजसेवी एडवोकेट जगदीश द्रविड़ ने किया ।
उनके साथ में वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता जोरावर सिंह दूधी, आत्माराम पहलासिया आदि वरिष्ठ लोगों मौजूद रहे। विरोध प्रदर्शन में वक्ताओं के द्वारा अमित शाह द्वारा कही गई
बात का विरोध किया गया ।धरना प्रदर्शन में जगदीश द्रविड़ में अपने उद्बोधन में कहा की संघ की पाठशाला से निकले हुए किसी भी नेता से अंबेडकर और संविधान के बारे में अच्छी बात सुनने को नहीं मिलेगी।इस पाठशाला से निकला हुआ हर लीडर देश में धार्मिक मुद्दो पर ही चर्चा करता दिखा जा सकता है।
शिक्षा,रोजगार,विकास,भाईचारा और अमन चैन जैसे मूल्यवान विषयो से उनका कोई लेना देना नही है। द्रविड़ ने यह भी कहा की अमित शाह और प्रधानमंत्री जब भी विदेश में जाते हैं तो बुद्ध का वास्ता देते हैं।
और भारत में आते ही लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम ही करते है।संसद में कही गई गृहमंत्री की बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता
उन्होंने जानबूझकर अंबेडकर साहब को टारगेट किया है जो किसी कीमत पर देश स्वीकार नहीं करेगा।
अगर देश के संवैधानिक पद पर बैठा हुआ जिम्मेदार नेता ही इस तरह से जनता और उनके अनुयायियों को भड़कता है तो इससे देश कहां जाएगा। समझा जा सकता है। आगे कोई भी नेता इस तरह का दुस्साहस नहीं करेगा ऐसी
कोई गारंटी नहीं है ।इसलिए अंबेडकर विरोधी संविधान विरोधी नेताओं का विरोध हर हाल में देश की जनता को करना चाहिए। सभी वक्ताओं ने कहा कि गृह मंत्री को हर हाल में देश की जनता से माफी मांगना होगा क्योंकि उनकी बातों से करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई है।
जब तक गृहमंत्री अमित शाह माफी नहीं मांगते प्रदर्शन और भी उग्र होंगे। धरना प्रदर्शन में समाजसेवी जोरावर सिंह दूधी, आत्माराम पछलासियां , रोहित सूर्यवंशीअजय परमार, संजय मालवीय ,बाबूलाल सरपंच,जितेंद्र मालवीय बरखेड़ा,बिजेंद्रसिंह देवड़ा,जितेंद्र मालवीय,
राहुल सूर्यवंशी, रामेश्वर पटेल,दिलीप पाटीदार, हर्षित जाट आदि सैकड़ों नेता के साथ ही सेकडो अंबेडकर समर्थक उपस्थित रहे।एवं अंबेडकर प्रतिमा के पास गृहमंत्री के विरोध में नारे लगाए।अंबेडकर परिसर में धरने के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहा।