भिंड. क्षेत्र के सुप्रसिद्ध वानखंडेश्वर धाम मानहड़ में चल रही श्री रुद्र महायज्ञ एवं शिव महापुराण के आज 9वे दिन कथा में शामिल होने पहुंचे जगतगुरु शंकराचार्य श्री श्री 1008 श्री प्रज्ञानंद सरस्वती जी, यहां उपस्थित भक्त जनों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा,की मन में शांति बनाए रखना, और हर क्षण ईश्वर को स्मरण करते रहना ही प्राणी मात्र का कर्तव्य है, उन्होंने कहा कि यह संपूर्ण जीव सृष्टि उसे ईश्वर का ही अंश है, चाहे जड़ हो या चैतन्य हो, इस ईश्वरीय तत्व से बना है और अंततः इस में जाकर मिल जाता है।
इसलिए हमें ईश्वर कभी नहीं बोलना चाहिए, सोते जागते हंसते रोते यथासंभव हो हमें सदैव ईस्वर स्मरण का स्मरण करते रहना चाहिए, सदैव ईश्वर का स्मरण करने वाला प्राणी, कभी पाप का भाग नहीं बनता, उसके मन में सदैव निश्चलता रहती है, और वसुदेव कुटुंबकम का भाव विराजमान रहता है, अतः हम सबको सदैव, परमपिता परमात्मा को स्मरण करते हुए, अपने दैनिक जीवन का हर क्षण व्यतीत करना चाहिए, यही सनातन धर्म है यही संस्कृति है हमें अपने सनातन धर्म और संस्कृति को प्राणों से भी अधिक प्रिय मानते हुए इसका रक्षण पोषण, और संवर्धन करना चाहिए
ईश्वर अंश जीव अविनाशी : आचार्य बालकृष्ण सारस्वत
कथा व्यास आचार्य बालकृष्ण सारस्वत चिन्ह कहा कि वास्तव में संपूर्ण संसार ईश्वर का अंश है।
जिस प्रकार पानी से बाप बनती है बाप से बादल बनते हैं और बरसात होती है उसे बरसात से नदी बनते हैं नाल बनते हैं समुद्र बनते हैं और अंतत वह पानी पानी में ही विलीन हो जाता है, इस प्रकार यह जीव जगत की सृष्टि अंततः जिस अंश से निर्मित होती है उसी में विलीन हो जाती है, आज की इस पावन कथा के अवसर पर विभिन्न संत महात्माओं के साथ, लहार विधायक अमरीश शर्मा विभिन्न राजनीतिक पार्टियों की राजनेता और लगभग 5000 से अधिक भक्तजन मौजूद रहे।