सतना। मध्यप्रदेश में एक बार फिर खाकी दागदार हुई है. दरअसल, सतना के रामनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत जिगना चौकी प्रभारी प्रधान आरक्षक राम सुरेश यादव को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है. यादव ने हिनौती निवासी फरियादी पुष्पेंद्र सिंह से FIR दर्ज न करने के एवज में ₹10000 की मांग की थी, जिसके बाद सौदा ₹8000 में फिक्स हो गया. वहीं प्रधान आरक्षक ने फरियादी से ₹5000 तो पहले ही ले लिए थे. ₹3000 की बची रकम को लेने के लिए फरियादी को अपने ताला गांव के आवास में बुलाया था.
इस बात की शिकायत फरियादी पुष्पेंद्र सिंह ने रीवा लोकायुक्त में कर दी. जिसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने मामले का सत्यापन के लिए एक योजना बनाई. प्रधान आरक्षक राम सुरेश यादव को उसके आवास पर ही ₹3000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों ट्रैप किया गया. यह कार्रवाई रविवार की देर रात लोकायुक्त पुलिस ने दबिश देकर की. वहीं पकड़े गए आरोपी प्रधान आरक्षक राम सुरेश यादव के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की. फिलहाल मामले की विवेचना जारी है.
इसलिए मांगी थी रिश्वत
फरियादी पुष्पेंद्र सिंह के अनुसार, 9 जनवरी को बस की टक्कर से पुष्पेन्द्र की बिजली की तार टूट गई थी जिस पर उसकी बस चालक से बहसबाजी हुई थी. बस चालक का पक्ष लेकर चौकी प्रभारी प्रधान आरक्षक के द्वारा शिकायतकर्ता पुष्पेन्द्र को धमकाया जा रहा था कि टीआई बोल रहे हैं कि एफआईआर करना पड़ेगा, एफआईआर से बचना है तो दस हजार रुपए दो. कार्रवाई से बचने शिकायतकर्ता ने प्रधान आरक्षक से बातचीत की तो सौदा आठ हजार रुपए में फिक्स हुआ. सौदेबाजी होने पर प्रधान आरक्षक के द्वारा शिकायतकर्ता से जबरिया पांच हजार रुपए ले लिए गए, बची 3 हजार की रकम लेते लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों ट्रैप किया.
सुबह पिटाई और रात में रिश्वत
घटना के पहले रिश्वत लेते पकड़े गए प्रधान की दिन में पिटाई की गई थी. प्रधान आरक्षक रामसुरेश यादव चोरी और लूट का संदेही था, जिस पर रीवा के काडी गांव के लोगों ने उसकी पिटाई कर दी. पिटने से घायल होने पर अस्पताल में इलाज कराने के बाद फरियादी को 3 हज़ार लेकर मिलने के लिए रात को अपने आवास बुलाया था।