शाजापुर नगर के आदर्श कॉलोनी निवासी शिक्षक भूपेंद्र राठौर पत्नी मनीषा राठौर सहित दो बच्चे और भूपेंद्र के बड़े भाई अशोक के साथ पिछले दिनों कार से इंदौर से शाजापुर आ रहे थे। इसी दौरान मक्सी और देवास के बीच कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई।घायल पति-पत्नी को इंदौर के अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां मनीषा का निधन हो गया।
इसकी जानकारी मिलने पर परिजनों ने तय किया कि मनीषा के अंगदान किए जाएंगे, जिससे किसी जरूरतमंद को नई जिंदगी मिल सके। शनिवार को शाजापुर शहर में उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई।
वहीं शहर के मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया।इंदौर में ही मनीषा के शरीर से दोनों किडनियां निकाली गईं। बताया गया कि शरीर के शेष अंग दुर्घटना में ज्यादा क्षतिग्रस्त होने से डोनेट नहीं किए जा सकते थे।
ऐसे में दिवंगत मनीषा राठौर का शनिवार को शाजापुर में अंतिम संस्कार किया गया।यह अंतिम यात्रा आदर्श कॉलोनी से शुरू हुई जो टंकी चौराहा, महुपुरा चौराहा, सोमारिया बाजार होते हुए अब रोड स्थित मुक्तिधाम पहुंची।
जहां पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।आदर्श कॉलोनी निवासी शिक्षक भूपेंद्र राठौर भाईदूज पर तीन नवंबर को पत्नी मनीषा के साथ इंदौर गए थे। यहां बहन के घर पर भाईदूज पर्व मनाकर वे रात में कार से शाजापुर लौट रहे थे। मक्सी से करीब पांच किमी पहले हाईवे पर अचानक गाय आ गई।गाय को बचाने के चक्कर में कार डिवाइडर से टकरा गई। इससे दंपती घायल हो गए।
भूपेंद्र के दोनों हाथ की हड्डी फ्रैक्चर हो गई और मनीषा के सिर में गंभीर चोट आई। उन्हें तत्काल देवास ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने इंदौर रेफर कर दिया। यहां सीएचएल अस्पताल में चार दिन इलाज चला, लेकिन मनीषा की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। गुरुवार को डॉक्टर ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया।महिला के पति भूपेंद्र राठौर शिक्षक हैं।
जबकि बेटी पुणे में एक आईटी कंपनी में काम करती है। दोनों का कहना है कि लगातार हो रहे अंगदान से प्रेरित होकर उन्होंने यह फैसला लिया। अंगदान से किसी को नया जीवन मिलना, इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। लोगों को इसके लिए आगे आना चाहिए।पति और बेटी बोले-किसी काे नया जीवन मिला, ये बेहतर