महेश्वर नर्मदा तट पर बस हुआ एक प्राचीन धार्मिक स्थान है, जो अपने सुरम्य घाट, नर्मदा नदी, मंदिरों एवं किले के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के मंदिर एवं घाट में पत्थरांे पर उत्कीर्ण सुन्दर कला कृतियाँ संस्कृति, सभ्यता के परिचय के साथ ही हैंडलूम इंडस्ट्री के लिए भी डिजाईन हेतु प्रेरणा का कार्य करती है। महेश्वर की हैंडलूम इंडस्ट्री एवं हथकरघा पर बुनी हुई साड़ीयां विश्व प्रसिद्ध है। महेश्वर के परंपरागत बुनकर 17 वीं शताब्दी से सुन्दर डिजाईन में साड़ी, पगड़ी, गमछा, शाल, ड्रेस मटेरियल एवं कपडे बुनते आ रहे है।
महेश्वर की इसी परम्परा को अनवरत रखते हुए यहाँ के बुनकर लगातार नए नए प्रयोग हैंडलूम में करते रहते है। इसी तारतम्य में महेश्वर के संत कबीर अवार्ड से पुरस्कृत मास्टर बुनकर मोहम्मद आरीफ खान ने अभिनव प्रयोग करते हुए हथकरघे पर महेश्वरी हैंडलूम इंडस्ट्री के इतिहास में पहली बार महेश्वर किले एवं देवी अहिल्या बाई की छवि को वाल हैंगिंग में उकेरा है।
मोहम्मद आरीफ खान एक परंपरागत बुनकर है जो विगत 20 वर्षों से बुनाई कर रहे है। वे निरंतर नया काम करने के इच्छुक रहते है एवं नई डिजाईनों को हथकरघे के माध्यम से विभिन्न उत्पादों जैसे साड़ी, दुपट्टा, वाल हैंगिंग आदि पर उतारने को चुनौती की तरह लेते है।
इस वाल हैंगिंग में मो. आरीफ खान ने लाल रंग के 2/120 नंबर के मर्सराइज्ड कॉटन का उपयोग ताने एवं बाने में किया है। मीनाकारी के लिए पीले रंग के धागे का उपयोग किया गया है जिसको हाथ से एक एक करके बुना गया है। इस वाल हैंगिंग के ग्राफ को बनाने में 3 महीने का समय लगा है एवं बुनाई में 15 दिन का समय लगा है। इस खुबसूरत वाल हैंगिंग का साइज़ 24 इंच लम्बाई एवं 12 इंच चौड़ाई है।
मो. आरीफ खान को उनकी लगातार नई डिजाईन पर कार्य करने की वजह से मध्य प्रदेश राज्य सरकार ने संत कबीर बुनकर अवार्ड से 2017-18 में सम्मनित किया है। मो. आरीफ खान लगातार नए नए प्रयोग करके महेश्वरी हैंडलूम इंडस्ट्री को विभिन्न तरह के उत्पाद देने के लिए कृतसंकल्पित है। उनका मानना यह है कि महेश्वर में सिर्फ साड़ी एवं ड्रेस मटेरियल का ही उत्पादन हो रहा है जबकि यहाँ प्रोडक्ट डायवर्सिफिकेशन के लिए असीम संभावना है।
इस तरह केडिजाईन एवं प्रोडक्ट डायवर्सिफिकेशन के लिए मो. आरीफ खान को भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआईआई) अहमदाबाद के प्रोजेक्ट हैण्ड मेड इन इंडिया (एचएमआई) महेश्वर ऑफिस द्वारा मार्गदर्शन एवं हैण्ड होल्डिंग सपोर्ट मिला है. वे ईडीआईआई-एचएमआई प्रोजेक्ट से वर्ष 2019 से जुड़े है एवं यहाँ से विभिन्न प्रशिक्षण जैसे डिजिटल मार्केटिंग, एक्सपोज़र विजिट, सॉफ्ट स्किल, कैपेसिटी बिल्डिंग, प्रोडक्टिविटी इम्प्रूवमेंट आदि के कार्यक्रम में निरंतर सम्मिलित होते रहे है। जिससे उन्हें नए नए आईडिया पर कार्य करने हेतु मार्गदर्शन एवं सहायता मिलती है।