रिडेंसिफिकेशन योजना के तहत बनेगा मण्डलेश्वर एसडीएम कार्यालय और कसरावद में आवास पुनर्घनत्वीकरण नीति के तहत जिले में पहला प्रयोग
कबीर मिशन समाचार खरगोन
खरगोन। कसरावद अनुभाग ऐसा एकमात्र अनुभाग है जहां एक भी शासकीय आवास नहीं है। याने यहां पदस्थापित होने वाले अनुभाग स्तर के अधिकारी को अपने स्तर पर ही आवास की व्यवस्था करना होती है। वर्तमान एसडीएम श्री संघप्रिय भी मण्डलेश्वर में रहकर प्रशासनिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करते हैं। इनके अलावा भी अन्य राजस्व या जनपद स्तर के अधिकारी भाड़े से भवन लेकर अपने कार्य पूर्ण करते हैं। ऐसी स्थिति का निराकरण कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम ने निकाला है। अब कसरावद अनुभाग में शासकीय भवन निर्माण और मण्डलेश्वर में एसडीएम कार्यालय बनाने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। दरअसल कोई भी शासकीय कॉलोनी निर्माण के लिए पर्याप्त भूमि और बजट की आवश्यकता होती है। यहां शासकीय बजट उपलब्ध नहीं होने से कलेक्टर श्री कुमार ने मप्र शासन की पुनर्घनत्वीकरण नीति 2016 के तहत नगरीय क्षेत्र में संसाधन सृजित किया गया है और निर्माण कराने के निर्णय लिया है। इसमें पुराना तहसील परिसर जो जीर्णशीर्ण स्थिति में यहां की भूमि का व्यावसायिक उपयोग के लिए नीलाम कर राशि एकत्रित की जाएगी। इससे प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग मण्डलेश्वर एसडीएम कार्यालय और कसरावद में आवास निर्माण के लिए किया जाएगा।
7 करोड़ रुपये से अधिक राशि प्राप्त होगी व्यावसायिक उपयोग से
कलेक्टर श्री कुमार द्वारा संसाधन सृजित करने के निर्देशों एसडीएम श्री संघ ने पुराना तहसील परिसर के जीर्णशीर्ण घोषित भवनों व भूमि का उचित उपयोग करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत किया है। यहां 3033 वर्ग मीटर भूमि उपलब्ध है। जिसका बाजार मूल्य 15200 प्रति वर्ग मीटर कुल 46101600 रुपये और 1680 वर्ग मीटर भूमि का कुल 25536000 रुपये है। 3033 और 1680 वर्गमीटर भूमि में उद्यान को छोड़कर व्यावसायिक उपयोग किया जाएगा। जिसमे कुल 71637600 रुपये प्राप्त होंगे। इसमें कसरावद एसडीएम आवास के अलावा तहसीलदार सहित कुल 25 आवास बनने की सम्भावना है। वही मण्डलेश्वर में एसडीएम कार्यालय भी बनाया जाएगा। इस पूरी योजना का खांका भोपाल भेजा गया है। स्वीकृत होते ही निर्माण का कार्य प्रारम्भ होगा।
जानें क्या है पुनर्घनत्वीकरण नीति 2016
वर्ष 2016 में आयी पुनर्घनत्वीकरण नीति के तहत नगरीय क्षेत्र या निवेश क्षेत्र में स्थित शासकीय भवन एवं परिसरों को पुनर्घनत्वीकरण योजना के माध्यम से संसाधन सृजित करते हुए शासकीय भवनों परिसरों या आवश्यक शहरी अधोसंरचना पुनः निर्माण किया जा सकता है। जो सामान्यतः बजट के माध्यम से उपलब्ध होने वाले संसाधनों से निर्मित नहीं किये जा सकते है या उसके लिए बजटीय संसाधन उपलब्ध नहीं है। इस नीति के तहत मप्र गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल द्वारा पूर्व में पुनर्घनत्वीकरण योजना के अंतर्गत विभिन्न नगरों में सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया गया है। इसी नीति के तहत रीवा जिले का कलेक्टर भवन बनाया गया है।