सुना था मंदसौर में दशहरा पर्व पर रावण को नहीं जलाते हैं वहीं विश्व के ज्ञान के प्रतिक बाबा साहब अम्बेडकर प्रतिमा में जलाई गई।
मप्र में वाकई हर काम में नम्बर वन से इसमें कोई दो राय नहीं है लेकिन ऐसी घृणित मानसिकता में भी नम्बर वन होने यह नहीं सोचा होगा। हमें समझ में नहीं आता है कि इतने महान और ज्ञान के प्रतिक से लोगों को इतनी नफ़रत क्या है। क्यों लोग बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर के नाम, फोटो, प्रतिमा, जय भीम के उद्बोधन आदि से डरते हैं या उससे घृणा करते हैं। ऐसा क्या और किसकी जर, जोरू व जमीन छुड़ा ली जो इतनी नफ़रत करते हैं। अरे जबकि दलित आदिवासीयों को तो जिंदा होने के बाद भी यह एहसास तक छुड़ा लिया था कि वे जिंदा है। बस यही काम बाबा साहब ने अहसास कराया और रहने खाने की कुछ सुविधाएं दी है जो हजारों साल से वंचित रखा गया था। खैर ये मानसिक नफ़रत है और इसको बदलना होगा।
आपको बता दें कि मप्र में रोज नई नई घटनाएं हो रही है ऐसे में आज सुबे में मंदसौर जिले के पिपलिया मंडी थाना क्षेत्र के मुंदेड़ी में बाबा साहब डॉ अम्बेडकर की प्रतिमा में आग लगाने की कोशिश की गई थी। हालांकि कि समय रहते किसी ने बुझाया है या इतनी नहीं फैली की असामाजिक तत्वों की मन आग ठंडी हो जाए। प्रतिमा के निचले हिस्से पैरों में लगा कपड़ा ही जला है। जिसकी शिकायत सामाजिक संगठनों और बाबा साहब के अनुयायियों ने थाना में लिखित आवेदन दिया है जो अभी थाना प्रभारी महोदय द्वारा जांच में लिया गया है।
इस घटनाक्रम में सबसे बड़ी बात यह है कि बाबा साहब अम्बेडकर की प्रतिमा का अनावरण 6 अक्टूबर को होना था और इस घटना के बाद कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया है। प्रतिमा का अनावरण पुर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कांग्रेस नेता फुलसिंह बरैया द्वारा किया जाना था। अंबेडकर साहब की प्रतिमा को असामाजिक तत्व द्वारा क्षतिग्रस्त की गई। अनुयायियों में काफी आक्रोश है और कल आंदोलन की चेतावनी दी गई है। उक्त जानकारी भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष मंगलेश सुर्यवंशी ने दी है।
थाना प्रभारी पिपलिया मंडी
आज सुबे में प्रतिमा के पैरों को जलाया गया है। स्थानीय लोगों ने आवेदन दिया है जो जांच में लिया गया है। आग कैसे लगी या लगाई यह सब जांच का विषय है। प्रतिमा का अनावरण होना था। अभी आवेदन के आधार पर जांच कर रहे हैं बाकी जो भी आएंगे कार्यवाही करेंगे।