माननीय प्रधानमंत्री महोदय भारत सरकार नई दिल्ली उपरोक्त विषयान्तर्गत निवेदन हे कि भारत में बसने वाले सभी लोग चाहे वह किसी भी सम्प्रदाय से ताल्लुक रखते हो, सभी को समानता, भाईचारा, बंधुत्व तथा राष्ट्रीय भाव की विचार धारा रखते हूऐ सदभाव, व सभी के साथ सभी समानता का आचरण ओर सद व्यवहार करें। कोई भी किसी को जातीय नफ़रत की भावना से ना देखें,समझें। इन विचारों तथा राष्ट्रीयता के भाव जागृत करने को जन जागरण चलाया जाऐ।
“” भारत मे किसी भी किमंत पर खासकर एससी. एसटी तथा अल्पसंख्यक वर्ग का अहित न हों।
भारत में इस तरह का कोई भी काम या प्रयास, कोई भी कृत्य ना हो जिससे देश में बसने वाले एससी. एसटी तथा अल्पसंख्यक वर्ग आदि का अहित हों।
भारतीय दलित साहित्य अकादमी आपसे आग्रह करते हे कि समय रहते इसे समझ लिया जाऐ, जिससे देश में फिर से किसी तरह का बिगाड ना हो। यदि समय रहते इस पर ध्यान नही दिया गया तो इससे होने वाले नुकसान से कोई भी बच ना सकेगा। अकादमी यह भी अवगत कराते हे कि किसी भी मुसिबत से बचने के लिए सॅविधान ही रक्षक रहा है, ओर आगे भी सॅविधान ही सभी की रक्षा कर सकता है, ओर कोई भी रक्षा करने को आने वाला नही है।
मदन सालवी ओजस्वी
स्वतंत्र लेखक, भारतीय मिशन मीडिया, भारत
चितोडगढ राजस्थान