पंजाब में अस्थायी कर्मचारियों को पक्के करने की मांग के चलते यूनियन की तरफ से यह प्रदर्शन किया जा रहा है,
जिसके तहत अलग-अलग डिपो पर यूनियनों ने प्रदर्शन किया। हड़ताल के चलते पूरा दिन यात्री परेशान होते रहे और निजी बसों, टैक्सी व ऑटों का सहारा लेना पड़ा। इस कारण लोगों को अपनी जेब भी ढीली करनी पड़ी, क्योंकि यात्रियों से ओवरचार्जिंग के मामले भी सामने आए। यूनियन के प्रधान जगजीत सिंह ने बताया कि 27 डिपो से उनकी
तीन हजार बसें खड़ी रहीं। केवल पक्के कर्मचारियों ने ही 100 बसों को अलग-अलग रूट पर सेवाएं दीं। उन्होंने बताया कि वह कच्चे कर्मचारियों को पक्के करने की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उनकी मांग पूरी नहीं की जा रही है। उन्होंने हाल ही में
कई कैबिनेट मंत्रियों को भी ज्ञापन सौंपा था, लेकिन बावजूद इसके कोई रिजल्ट नहीं निकला। यूनियन की तरफ से किलोमीटर स्कीम पर बसें हायर करने का भी विरोध किया जा रहा है। यूनियन ने इन फैसलों को वापस लेने की मांग की है,
ताकि विभाग में ठेकेदारी प्रथा को बंद किया जा सके। जगजीत सिंह ने कहा कि पड़ोसी राज्य हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की सरकारें कर्मचारियों को 2 साल बाद पक्का कर रही हैं, लेकिन पंजाब सरकार कर्मचारियों का शोषण कर रही है। आज और कल भी यूनियन की हड़ताल जारी रहेगी।
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