मालवा और चंबल क्षेत्र के 11 जिलों के 2012 ग्रामों की लहलहा उठेंगी फसलें
40 लाख किसान परिवार होंगे लाभान्वित
प्रधानमंत्री श्री मोदी की उपस्थिति में 17 दिसम्बर को जयपुर में होगा त्रि-स्तरीय अनुबंध
राजगढ 16 दिसम्बर, 2024
पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नदी जोड़ो अभियान के स्वप्न को साकार करने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच समझौता कराते हुए पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना को मूर्त रूप दिया।
इसकी शुरूआत मध्यप्रदेश की पावन भूमि से होने जा रही है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री श्री मोदी के मार्गदर्शन में विशेष प्रयास कर मालवा और चंबल क्षेत्र के 11 जिलों के 2012 ग्रामों की तस्वीर और तकदीर बदलने में महती भूमिका निभाई है।
यह परियोजना मध्यप्रदेश के गुना, शिवपुरी, सीहोर, देवास, राजगढ़, उज्जैन, आगर-मालवा, इंदौर, शाजापुर, मंदसौर एवं मुरैना के किसानों को सिंचाई के लिये भरपूर पानी और पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी। इससे किसानों के जीवन में खुशहाली आने के साथ उनकी फसलें भी लहलहा उठेंगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश और राजस्थान को समृद्ध और किसानों को खुशहाल बनाने वाली पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के लिये त्रि-स्तरीय अनुबंध प्रधानमंत्री श्री मोदी की मौजूदगी में 17 दिसम्बर को जयपुर में होगा। यह दिन मध्यप्रदेश और राजस्थान के लिए ऐतिहासिक होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी
द्वारा मध्यप्रदेश और राजस्थान को दी गई “पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना” की अनूठी सौगात दोनो़ं राज्यों के किसानों और नागरिकों के लिए वरदान साबित होगी। इससे किसानों को भरपूर सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और विकास के नये द्वार खुलेंगे।
परियोजना से दोनों राज्यों में समृद्धि आयेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश का मालवा अंचल औषधीय फसलों के साथ अन्य फसलों के उत्पादन में अग्रणी रहा है।
परियोजना से मिलने वाले जल से किसान अपनी उपज को दोगुना कर सकेंगे, जिससे उनके परिवार के साथ प्रदेश भी समृद्ध होगा।
6 लाख 13 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में हो सकेगी सिंचाई
पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना की अनुमानित लागत 72 हजार करोड़ है,
जिसमें मध्यप्रदेश 35 हजार करोड़ और राजस्थान 37 हजार करोड़ रूपये व्यय करेगा। केन्द्र की इस योजना में कुल लागत का 90 प्रतिशत केन्द्रांश और 10 प्रतिशत राज्यांश रहेगा। इस परियोजना से मध्यप्रदेश में लगभग 6 लाख 13 हजार हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी।
इससे 40 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे। परियोजना की कुल जल भराव क्षमता 1908.83 घन मीटर होगी। साथ ही 172 मिलियन घन मीटर जल, पेयजल और उद्योगों के लिये आरक्षित रहेगा। परियोजना अंतर्गत 21 बांध/बैराज निर्मित किये जाएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में लगातार सिंचाई का रकबा बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। वर्तमान में 50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो रही है। हमारा संकल्प इसे बढ़ाकर 1 करोड़ हेक्टेयर करने का है। पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना और केन-बेतवा लिंक परियोजना से हम अपने लक्ष्य के करीब पहुँचेंगे।
इसके साथ ही प्रदेश में अन्य बड़ी सिंचाई परियोजनाओं पर भी तेजी से कार्य किय जा रहा है। हमने किसानों से जो वादा किया है, वह जल्द मूर्तरूप लेगा और हमारा अन्नदाता किसान आत्म-निर्भर बनकर प्रदेश और देश के विकास को और अधिक गति प्रदान करेगा।
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