शेष के गिरफ्तारी के प्रयास जारी
कबीर मिशन तहसील, संवाददाता विनोद सोलंकी आलोट
क्षैत्र मे कतिपय लोगों द्वारा जानबुझकर आपसी सामाजिक द्ववेषता बढाने के लिये निरंतर धार्मिक भावनाओं को भडकाये जाने का प्रयास किया जा रहा है जिसमे पुलिस अधिक्षक श्री अभिषेक तिवारी के मजबुत मुखबीरतंत्र के कारण ऐसे तथाकथित लोगों के मनसुबे कामयाब नहीं हो पा रहे है और वे अपने असली मुकाम पर पहुंच रहे है परंतु सबसे अहम सवाल यह उठता है कि हमारा क्षेत्र शांति का टापु कहा जाता है।
उसके बाद भी कभी पुलिस थाना ताल के नेगरून गांव मे धार्मिक स्थल पर अन्य धर्म का झंण्डा लगा कर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का प्रयास तो कभी आलोट के बगुनिया गांव मे धार्मिक स्थल दिवारों पर आपत्ति जनक शब्द लिखना आखिर क्या दर्शाता है? पुलिस अधिक्षक महोदय एवं जिला कलेक्टर महोदय रतलाम को ऐसे मामलों मे और गंभीर होकर इसके तह तक जाने की आवश्यकता है कि आखिर इन सबके पिछे कोन मास्टर माईड है ? जो हमारा आपसी अमन चैन का दुश्मन बना हुवा है,
उसे बे पर्दा करना चाहीये और आम जनता के सामने लाना चाहीये?अन्यथा बार बार मुखबीरतंत्र मजबुत नहीं हो सकता है ?गलती एक बार होती हे,बार बार ऐसे कार्यो की पुनरावृत्ति संदेह को जन्म देती है?वहीं अब बगुनिया के मामले मे पुलिस को सफलता हाथ लगी है। आलोट थाना प्रभारी निरज सारवान ने जानकारी देते हुवे बताया कि बगुनिया गांव मे 13 अप्रेल की रात को घटित हुवी घटना धार्मिक स्थल पर आपत्ति जनक शब्द लिखने
एवं झंण्डे लगाने के मामले मे पुलिस ने फरियादी सज्जन सिंह पिता प्रहलाद सिंह सिसोदिया निवासी बबुनिया की रिपोर्ट पर धारा 295 ऐ भादवी का प्रकरण पंजीबद्ध करते हुए वरिष्ठ पुलिस प्रशासनिक अधिकारीगण के दिशा-निर्देशों मार्गदर्शन में आरोपी श्रीपाल सिंह पिता राजेन्द्र सिंह आयु 22 वर्ष निवासी बगुनिया को मुखबीर सुचना पर गिरफ्तार करते हुवे आरोपी ने पुछताछ मे बताया कि 13 अप्रेल की शाम को झंडे रंग इत्यादी की तैय्यारी करके अपने साथीयों दिलीप, गोविंद, लखन, अजय, शिव को दिया।
जिनके द्वारा धार्मिक स्थलों पर आपत्तिजनक शब्द लिखकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया गया।जिसमे से पुलिस ने आरोपी दिलीप पिता शंकरलाल जाति लोहार आयु 18 साल निवासी बगुनिया को गिरफ्तार किया गयां। आरोपीगणों को न्यायालय आलोट पेश किया गया।जिस पर आरोपी श्रीपाल सिंह को न्यायालय के आदेश से जेल दाखिल किया गया एवं आरोपी दिलीप लोहार का पुलिस रिमाण्ड प्राप्त किया गया और शेष आरोपियों की सरगर्मी से तलाश जारी है।
बहरहाल पुलिस अधिक्षक श्री अभिषेक तिवारी सहित संपुर्ण आलोट डीवीजन के अधिकारीगण एवं जेा भी इसके मामले को उजागर करने मे महत्वपुर्ण भुमिका निभाई सराहनीय कार्यवाही की, सभी बधाई के पात्र है परंतु पुलिस प्रशासन को ऐसे मामलो मे सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है? तभी हमारा आपसी भाईचारा एवं अमन चैन बना रहेगा ?