कबीर मिशन समाचार,
बड़वानी से अनिष भार्गव,
” उधमसिंह जी की गाथा हर युवा को याद होनी चाहिए ”
बड़वानी 13 मार्च 2022/ अंग्रेजों की क्रूरता का साक्षी जलियांवाला बाग है। जहां माइकल ओ डायर और जनरल डायर ने नृषंस हत्याकांड को जन्म दिया था। युवा उधमसिंह जी ने संकल्प किया था कि सैकड़ों निदोष भारतीयों की मृत्यु का बदला वे लेंगे। उन्होंने पूरा जीवन केवल इस संकल्प को पूरा करने में व्यतीत कर दिया। वे देष के बहुत बड़े क्रांतिकारी थें उनकी गाथा हर युवा को याद होना चाहिए। ये बातें युवा वक्ता साक्षी परमार ने अपना शोध आलेख प्रस्तुत करते हुए कहीं। ये आयोजन प्राचार्य डाॅ. एनएल गुप्ता के मार्गदर्षन में शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बड़वानी के स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्षन प्रकोष्ठ द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत किया गया। कार्यकर्ता प्रीति गुलवानिया ने बताया कि हम युवाओं को स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान का अध्ययन करने और उसे अपने साथियों के साथ साझा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
युवा वक्ता साक्षी परमार ने बताया कि 13 अप्रैल, 1919 को नृषंस जलियांवाला बाग काण्ड हुआ था। उस समय पंजाब का गवर्नर माइकल ओ डायर तथा सैन्य अधिकारी रेजीनाॅल्ड एडवार्ड हैरी डायर था, जिसे हम जनरल डायर के नाम से जानते हैं। उस समय उधमसिंह 20 वर्ष के थे। उन्होंने इस काण्ड के कू्रर पात्रों को मौत के घाट उतारकर ब्रिटिष साम्राज्य को सबक सिखाने का संकल्प किया। जनरल डायर 1927 में बीमारियों से ग्रस्त होकर मर गया। अपने जीवन के एकमात्र संकल्प को पूर्ण करने के लिए उधमसिंह ने इक्कीस वर्ष साधना की और 13 मार्च, 1940 को लंदन में माइकल ओ डायर का वध किया। उधमसिंह को ब्रिटिष साम्राज्य ने मृत्युदण्ड दिया। वे 31 जुलाई, 1940 को फांसी पर चढ़ाये गये। उनका जन्म 26 दिसम्बर, 1899 को हुआ था। संचालन उमा फूलमाली ने किया। आभार वर्षा मुजाल्दे ने व्यक्त किया। सहयोग राहुल मालवीया, अंकित काग, नमन मालवीया, श्रुति शर्मा, तेहरीन, शालिनी राठौड़, स्वाति यादव ने किया।