रायसिंह मेवाड़ा गल चैराहा स्थित बाबा रामदेव मंदिर में मनी संत रविदास जयंती
आष्टा। रविदास जी का प्रारंभिक जीवन बहुत ही कठिन और असमान हालातों में बिता, हालांकि उन्होंने अपने दृढ़ संघर्ष, प्रेम पर आधारित जीवन व्यतीत किया।
शिक्षा और समाज के व्यवस्था में समानता के पक्षधर हुए और अपनी कविताओं द्वारा जातिवाद और असमानता के खिलाफ आवाज उठाई। उन्हें संत रविदास, गुरु रविदास, रैदास और रोहिदास जैसे कई नामों से जाना जाता है।
इस आशय के विचार नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा ने गल चैराहा स्थित बाबा रामदेव मंदिर में आयोजित संत रविदास जयंती समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। जयंती समारोह में भाजपा मंडल अध्यक्ष प्रतिनिधि विशाल चैरसिया, जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि सोनू गुणवान, भगवतसिंह मेवाड़ा,
सुमित मेहता अतिथि के रूप में मौजूद थे। नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा ने संत रविदास जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उपस्थितजनों को जयंती की शुभकामनाएं दी और कहा कि संत रविदास ने लोगों को बिना भेदभाव के आपस में प्रेम करने की शिक्षा दी
और इसी तरह से वे भक्ति के मार्ग पर चलकर संत रविदास कहलाए। श्री मेवाड़ा ने कहा कि हम सब यह संकल्प ले कि आज के बाद हम रविदास के उपदेशों का पालन करेंगे और अपने घर, परिवार, नगर, प्रदेश सहित देश को प्रगतिशील बनाने में अपना योगदान देंगे।
जयंती समारोह में रमेश माड़साहब, धर्मेन्द्र रेकवाल, अरविंद रेकवाल, सूरज रेकवाल, पड़ियार साहब आदि मौजूद थे।
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