दिनांक, 12/02/2025
जिला राजगढ़/मध्य प्रदेश
ऐसा चाहूँ राज मैं, जहाँ मिले सबन को अन्न!छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न!!पचोर/रविदास जी का प्रारंभिक जीवन बहुत ही कठिन और असमान हालातों में बिता,
हालांकि उन्होंने अपने दृढ़ संघर्ष, प्रेम पर आधारित जीवन व्यतीत किया। शिक्षा और समाज के व्यवस्था में समानता के पक्षधर हुए और अपनी कविताओं द्वारा जातिवाद और असमानता के खिलाफ आवाज उठाई। उन्हें संत रविदास, गुरु रविदास, रैदास और रोहिदास जैसे कई नामों से जाना जाता है।
उक्त जयंती कार्यक्रम जुलूस बैंड बजे, ढ़ोल-नगाड़ो के साथ बोंड़ा नाका कॉमेटी हाल से प्रारम्भ किया जो जाट मोहल्ला, गाँधी चौक, सराफा मार्किट होते हुऐ पुराना बस स्टैंड, पेट्रोल पंप, थाने के सामने होते हुऐ बस स्टैंड से मंडी गेट होते हुऐ वापस कॉमेटी हाल में समापन किया गया l
वहा पर नगर परिषद अध्यक्ष विकास करोडीया ने संत रविदास जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उपस्थितजनों को जयंती की शुभकामनाएं दी और कहा कि संत रविदास जी ने लोगों को बिना भेदभाव के आपस में प्रेम करने की शिक्षा दी और इसी तरह से वे भक्ति के मार्ग पर चलकर संत रविदास कहलाए।
इस जयंती कार्यक्रम में नगर के जनप्रतिनिधि एवं पार्षद सहित कई गणमान्य समाज जनों ने भाग लिया और संत रविदास जयंती की बधाई दी l मुकेश मेघवाल, दुर्गेश वर्मा, अम्बाराम वर्मा,देव वर्मा, गोपाल वर्मा, दुलीचंद वर्मा, महेश वर्मा, कमल वर्मा, पकज़ वर्मा आदि लोगों ने उपस्थिति दर्ज की l
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