कबीर मिशन समाचार सीहोर
अनिल परमार/आष्टा। सनातन धर्म में तीर्थ-यात्राओं का अत्याधिक महत्व है। हमारे देश की एकता और अखण्डता का प्रतीक तीर्थ यात्राएं है। तीर्थ-दर्शन करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। तीर्थ-यात्रा योजना ने चारों धाम और बारह ज्योतिर्लिंगों को जोड़ने का काम किया है। हमारे जीवन में जितना महत्व माता-पिता के आशीर्वाद, पुत्री के कन्यादान और पुत्र से प्राप्त मुखाग्नि का है, उतना ही महत्व तीर्थ दर्शन का भी है। तीर्थ हमारे पापों का नाश कर मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करते हैं। हर गृहस्थ का सपना होता है कि वह अपनी आंखों से तीर्थों के दर्शन कर परमेश्वर से मोक्ष की कामना करें।
इस आशय के विचार नगरपालिका के सभाकक्ष में नपाध्यक्ष श्रीमती हेमकुंवर मेवाड़ा के मुख्य आतिथ्य में तीर्थदर्शन पर जा रहे तीर्थयात्रियों का स्वागत सम्मान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा ने व्यक्त किए। ज्ञात रहे कि नगर के सौभाग्यशाली 7 तीर्थयात्रियों का चयन रमेश्वरम् तीर्थदर्शन योजना के तहत हुआ है, जिनका पुष्पमाला पहनाकर व शाल-श्रीफल भेंटकर नपाध्यक्ष हेमकुंवर रायसिंह मेवाड़ा द्वारा स्वागत सम्मान कर रमेश्वरम्् तीर्थ के लिए रवाना किया गया। नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा ने कहा कि मोदी सरकार व प्रदेश सरकार हमारे वृद्धजनों की आस्था को पूरा करने के लिये मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना से उन्हें तीर्थ स्थलों की निःशुल्क यात्रा करवा रही है। श्री मेवाड़ा ने कहा कि हमारा देश सर्वधर्म सम्भाव की धारण रखने वाला देश है, आज जहां अन्य देशों में आपसी लड़ाई-झगड़ा हो रहा है, वहीं भारत में सभी धर्म के लोग आपसी भाईचारे व एकता के साथ मिल-जुलकर रह रहे है। अन्य देशों की अपेक्षा हमारा देश मानवता से परिपूर्ण देश है।
नपाध्यक्ष प्रतिनिधि श्री मेवाड़ा ने तीर्थयात्रियों का स्वागत करते हुए आग्रह किया कि भगवान रामेश्वरम्् के दर्शन कर हमारे आस्थावान नगर के नागरिकों के कुशलमंगल की कामना करें। नगर की सुख-समृद्धि हेतु प्रार्थना कर ईश्वर से आपकी यात्रा मंगलमय बनाएं। इस अवसर पर रामेश्वरम तीर्थ के लिए चयनित तीर्थयात्रियों का नपाध्यक्ष श्रीमती हेमकुंवर मेवाड़ा, नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा, पार्षदगण सुभाष नामदेव, डॉ. सलीम खान, अतीक कुरैशी, अरशद अली, गबू सोनी, मोहम्मद इसरार, रमेश यादव, विजय मेवाड़ा, आशीष बैरागी, धर्मेन्द्र दिसावरी, मनीष किल्लौदिया, बाबूलाल जाटव आदि मौजूद थे।