सरांगपुर। दो दिन से चल रहे सुपारी प्रकरण में एक दुकानदार को जबरिया मामले में उलझाने का मामला सामने आया है। जिसमे आकोदिया रोड़ स्थित मिर्ची और पशु आहार विक्रेता के पास पशु आहार की सुपारी को खाद्य सुपारी बताकर झूठी शिकायत के आधार पर सेम्पलिंग करवा दी। कार्रवाई का डर बताए जाने कारण दुकानदार की चुप्पी ही गुनाह बन गयी ।
दरअसल, केरल और कर्नाटक में पशुआहार में खली , सुदाना आदि में सुपारी मिलाकर खिलाने से दुधारू पशुओं में बड़ी मात्रा में फाइबर बढ़ता है। जिससे दूध की मात्रा भी बढ़ती है। ऐसे में जिले में भी कुछ किसान पशुआहार के लिए आने वाली 25-30 रुपए किलो की सुपारी का पाउडर बनाकर सुदाना एवं खली में मिलाकर खिला रहे है। लगातार मांग एवं बिक्री के कारण आकोदिया रोड़ स्थित दुकानदार सलमान नायक ने मिर्ची के साथ ही खली एवं कर्नाटक केरल की यह लाल रंग की सुपारी मंगवाना शुरू किया।
पहली बार मंगवाया था पशुआहार स्टॉक
हाल ही में दुकानदार ने इंदौर से सुपारी का स्टॉक मंगवाया था ताकि दुधारू पशुओं के लिए बनने वाले आहार में इसका उपयोग किया जा सके। लेकिन झूठी शिकायत के बाद खाद्य अधिकारी ने सुपारी के ही सेंपल भर लिए। जबकि एक पेड़ पर लगने वाले फल सुपारी की लगभग 200 से अधिक वेरायटी होती है। इसमे खाने वाली सुपारी से लेकर पशुओं के आहार तक कि सुपारी होती है।
हाल ही में दुकानदार ने इंदौर से सुपारी का स्टॉक मंगवाया था ताकि दुधारू पशुओं के लिए बनने वाले आहार में इसका उपयोग किया जा सके। लेकिन झूठी शिकायत के बाद खाद्य अधिकारी ने सुपारी के ही सेंपल भर लिए। जबकि एक पेड़ पर लगने वाले फल सुपारी की लगभग 200 से अधिक वेरायटी होती है। इसमे खाने वाली सुपारी से लेकर पशुओं के आहार तक कि सुपारी होती है।
पहली बार लाए थे यह सुपारी
दुकानदार सलमान नायक ने बताया कि कुछ किसानों से बातचीत के बाद इंदौर से पहली बार साढ़े तीन लाख रुपए का माल मंगवाया था। 26 रुपए किलो में मिलने वाली यह सुपारी 35 रुपए किलो तक बिकने की उम्मीद थी जिससे कि मुनाफा भी मिल सके। लेकिन पशुआहार को खाद्य पदार्थ बताकर झूठी शिकायत पर सेम्पलिंग होने से दुकानदार परेशान है।
सारंगपुर के समीप इंचीवाड़ा के किसान भारतसिंह कमलसिंह ने बताया की सुपारी युक्त पशुआहार से पशुओं का दूध बढ़ता है।
इस विषय मे फूड अधिकारी शिवराज पावक को फोन लगाया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नही किया।
इनका कहना है
सुपारी से पशुओं की डाइट बनती है, इसमे भरपूर मात्रा में फाइबर होता है। विभिन्न ब्रांड के डाइट आते है जिनमे सुपारी मिली हुई होती है। ज्यादातर यह साउथ से आते हैं।
एमएस कुशवाह उप संचालक पशु चिकित्सा राजगढ़
मुझे इस बारे में न्यूज से जानकारी मिली है, प्रकरण देखने के बाद ही कुछ कहुंगा, लेकिन अगर इसमे किसी ने शिकायत की है कि खाद्य सामग्री में उपयोग हो रहा है तो कार्रवाई होगी। लेकिन पशु आहार में बेचा जा रहा था तो गलत है। बिना पड़ताल किए सेम्पलिंग कर ली गयी है तो रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई करेंगे।
कमलचंद नागर, अपर कलेक्टर