राहुल मेहर की रिपोट- 8463011225
मंदसौर/- में सुप्रसिद्ध कथा वाचक प्रदीप मिश्रा के मुखारविंद से साथ दिवसीय महाशिवपुराण कथा का आयोजन सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा व्यास पीठ पर बैठकर लाखों भक्तों को दिव्य कथा का धर्म लाभ प्रदान किया जा रहा है।
इसी बीच में दिन रात किसी भी टाइम में सेवा देने वाले केलाश मालवीय ने बताया कि समाज में सेवा उत्थान में अपना अतुलनीय योगदान देने के लिए हमारा देश राजा राम मोहन राय, दयानंद सरस्वती, विनोभा भावे, मदर टेरेसा जैसे अन्य कई महान समाज सुधारकों का हमेशा ऋणी रहेगा। वर्षों पहले समाज सुधार के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों की चमक से आज भी हमारा समाज प्रकाशमान है। समाज सेवा के इस गुण को अपने चरित्र का हिस्सा बनाने वाले व्यक्ति हमेशा समाज में एक आदर्श बनकर उभरते हैं।
समाज सेवा के लिए भौतिक संसाधनों से कहीं अधिक दिल में समाज सेवा की भावना का होना आवश्यक होता है। कुछ लोग संसाधनों की कमी के बावजूद समाज सेवा में अग्रणी रहते हुए अपनी छाप छोड़ जाते हैं तो दूसरी तरफ कुछ लोग संसाधनों की भरमार होते हुए भी स्वयं और परिवार की सेवा तक ही सीमित रहते हैं।
क्योंकि उनके निजी स्वार्थ और अभिमान के आगे समाज सेवा के सभी तर्क औंधे मुंह गिरते हुए नजर आते हैं। भूखे को भोजन, प्यासे को पानी, बीमार को दवाई, अनाथों को आश्रय के अलावा अन्य किसी भी प्रकार से किसी जरूरतमंद की आवश्यकता को जानकर निस्वार्थ उसकी मदद करना ही समाज सेवा का सबसे बड़ा लक्षण है।
किसी इंसान को बिना बताए उसकी सहायता करना और उस मदद से मिलने वाली खुशी को उसकी आंखों में महसूस करना ही सच्ची जनसेवा है! इसी बीच समाजसेवी कैलाश मालवीय बाबू भाई ने शिव महापुराण कथा में सेवा दी। इस बीच में समाजसेवी भी पीछे नहीं हट रहे वह राजस्थान के प्रतापगढ़ से आकर मंदसौर में अपनी तन मन धन से सेवा देने का कार्य कर रहे हैं।
बाबू भाई ने कॉलेज ग्राउंड में साफ सफाई और पांडाल में श्रद्धालुओं को पानी पिलाना और चाय नाश्ता करवाते हुए अपनी सेवा में कोई कमी नही छोड़ रहे समाज सेवा का रुतबा दिखाया हे कैलाश मालवीय ने बताया हे की यह कथा का आज दूसरा दिन हे आज दिनांक 27 सितंबर मगलावर को समाज के लोगों को धर्म का लाभ उठाने की प्रेरणा की है।