कबीर मिशन समाचार, सुरेश मैहर संवाददाता गरोठ
गरोठ– किसी भी स्तर की परीक्षा देने के बाद बच्चों केवल दो बातों का इंतजार होता है पहले परीक्षा परिणाम दूसरा नतीजा लेकिन सरकारी अव्यवस्थाओं के लापरवाही और कमजोरियों के कारण बच्चो की मेहनत दांव पर लग जाती है।
बोर्ड परीक्षाओं में पेपर सेट करने से लेकर छपने और परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने की प्रक्रिया बेहद गोपनीय तथा सख्त होती है इसके बाद भी पेपर लीक होना सरकारी कारस्तानी कारण संभव हो जाता है। इसी तरह का मामला तहसील भानपुरा में संज्ञान में पाया गया हैं।
मध्यप्रदेश राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा वर्तमान में वार्षिक परीक्षा कक्षा 3, 4, 6, 7, का आयोजन 60केन्द्रो पर सेकडे की संख्या में बच्चो का गणित व् विज्ञानं का पेपर होना हे लेकिन जब शिक्षकों को पेपर लिफाफा बस के ड्राइवर से मिलता हे तब लिफाफे के ऊपर मांग अनुरूप पेपर संख्या 50 अंकित रहती है।
परन्तु लिफाफे को खोलने पर संख्या लगभग आधी संख्या में पेपर 25 प्राप्त होते हे पड़ताल करने पर शिक्षकों द्वारा जानकारी दी गई की ऊपर से निर्देश हे कम संख्या होने पर उपरोक्त पेपर की फोटो की जाए इसी तरह लाचार शिक्षक न चाहते हुवे भी बाजार की और रुख करता है व बरती जाने वाले गोपनीयता में दांग लगना सुनिश्चित हो जाता हे कल तहसील भानपुरा में लगभग 1800 की संख्या में पेपर कम आये हे जिला केन्द्रो पर छपाई हेतु निविदा निकाली जाती हैं।
फिर भी आदर्श प्रिंटिंग द्वारा तय संख्या से कम मात्रा में पेपर मिलना छपाई ठेकेदारों पर प्रश्नचिह लगाता हे इस सरकारी व्यस्था पर जहा कोई भी अभिभावक सिर्फ अपनी आर्थिक हालातों के कारण अपने नौनिहालों को सरकारी स्कूलों में भेजता हे भानपुरा तहसील के कही ग्राम में कक्षा 4 के पेपर में कक्षा 6 के पेपर लिफाफे में से निकले आनन फानन में शिक्षकों ने बीआरसी में संपर्क किया और पेपर की फोटो कॉपी लेकर बच्चों को पेपर प्राप्त करवाएं।