संवाददाता योगेश गोविंदराव
कुशीनगर/कप्तानगंज
टीम ने अस्पताल के जिम्मेदारों को कालाजार उन्मूलन के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार कराने तथा कालाजार के लक्षण वाले अधिक से अधिक व्यक्तियों की जांच कराने को कहा। यह भी कहा कि मरीजों को गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराया जाए ताकि कालाजार का उन्मूलन हो सके।
कालाजार की समय से पहचान हो जाए तो मरीज ठीक हो जाता है। कालाजार का इलाज सरकारी अस्पताल में निःशुल्क है।जबकि निजी अस्पतालों में लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं।टीम ने बताया कि कालाजार बालू मक्खी से फैलता है। यह मक्खी नमी वाले स्थानों पर पायी जाती है। यह छह फीट की ऊंचाई तक उड़ पाती है। उसके काटने से व्यक्ति बीमार हो जाता है।
उसे बुखार होता है, और रूक-रूक कर चढ़ता उतरता है। लक्षण दिखने पर चिकित्सक को दिखाना चाहिए।इस बीमारी से मरीज का पेट फूल जाता है। भूख कम लगती है । शरीर काला पड़ जाता है। इस रोग का निःशुल्क इलाज जिला अस्पताल में उपलब्ध है। टीम के साथ डब्ल्यूएचओ के जोनल को-आर्डिनेटर डाॅ.सागर घोडेकर, सहायक मलेरिया अधिकारी अनिल कुमार चौरसिया, मलेरिया निरीक्षक अंकिता