कबीर मिशन समाचार।
नीमच। नीमच जिले का परिवहन विभाग आज कल लापरवाह बनता जा रहा है। नीमच आरटीओ मेडम रितु अग्रवाल अपने चहेतों का बचाव करते दिख रही है। एक ही नंबर की दो बसे जिले में धड़ल्ले से परिवहन कर रही है। पूर्व में भी बाहेती ट्रेवल्स की बस जो नीमच से चिताखेड़ा जाने वाली जिसके दस्तावेज मोके पर नही पाए गए। 10 सिंतबर को हिंगोरिया फाटक पर मधुसूदन सिसोदिया व सुमित चौहान द्वारा कार्यवाही करते हुवे बाहेती ट्रेवल्स की बस को बिना परमिट व बिना अन्य दस्तावेज के पकड़ी थी। और गाड़ी को आरटीओ कार्यालय में खड़ी कर दी थी। परंतु नीमच आरटीओ रितु अग्रवाल ने बिना दस्तावेज देखे छोटी मोटी चलानी कार्यवाही करके छोड़ दी। कौन दे रहा है नीमच आरटीओ को संरक्षण जो नीमच के विधायक, जिलाध्यक्ष व जिला पंचायत अध्यक्ष की भी नही सुन रही और ना फोन उठाने को तैयार, सूत्रों की माने तो चिताखेड़ा से घसुंडी तक का परमिट नही है। ना कंडक्टरों के लाइसेंस है। जन चर्चा की माने तो महाराष्ट्र की गाड़ी उज्जैन आरटीओ के नाम से एनओसी लेकर उज्जैन में आई तो बड़ा सवाल यह है कि 32 सीटर की बस 52 सीटर में नीमच में कैसे पास हुई।और नीमच से चिताखेड़ा रोड़ पर दोड़ रही या तो भारी मात्रा में लेनदेन हुआ होगा। इस गाड़ी की आरटीआई लगाई हुई है फिर भी आरटीओ मेडम द्वारा टालमटोल किया जा रहा है और गाड़ी नम्बर 0469 है जिसे दस्तावेज में बदलकर बताया गया। पूर्व में भी सरकार उपकार बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी जिसका भी परमिट नही था उसके बावजूद भी मेडम इनको संरक्षण दे रही है। ऐसे में माने तो नीमच जिले के लिए चुनोती बन चुकी नीमच आरटीओ क्योंकि केवल कमीशन देख रही मेडम और जनता की जान को जोखिम में डाल रही। यहाँ तक कि नीमच से ओवरलोड बसे भी अन्य राज्यो में प्रवेश कर रही है। नीमच से कृषि उपज का परिवहन करते हुवे कई बसे जयपुर, दिल्ली, अहमदाबाद और अन्य राज्यो में यात्रियों की जान को जोखिम में डाल परिवहन करती दिख रही ओवरलोडिंग बसे, क्या प्राइवेट बस संचालको पर मेहरबान है आरटीओ मेडम रितु अग्रवाल? जिले से एसपी कार्यालय, केंट थाना, कलेक्टर कार्यालय के सामने से ओवरलोड होती बसे परिवहन कर रही है। आखिर संबंधित अधिकारी क्यों सो रहे हैं कुम्भकर्णी नींद। क्या बड़ी दुर्घटना के बाद खुलेगी नींद या उससे पहले दिया जाएगा ध्यान….