उत्तरप्रदेश : अम्बेडकरनगर में स्टूडेंट नैंसी पटेल की छेड़खानी के बीच जान जाने के मामले में योगी की पुलिस ने तीन आरोपियों का मुकम्मल इलाज किया। इसकी वीडियो भी पुलिस ने जारी की हैं। मौत उस वक्त हुई थी जब लड़की साइकिल पर सवार होकर कॉलेज से घर जा रही थी। रास्ते में एक बाइक से जा रहे दो दबंग युवक शाहबाज़, अरबाज़ और फैसल उससे छेड़खानी करने लगे। जब लड़की ने विरोध किया, तो युवकों ने उसे थप्पड़ मारा और उसका दुपट्टा खींच लिया। इससे लड़की सड़क पर लड़खड़ा कर गिर गई। इसी बीच दूसरी बाइक से आ रहे आरोपी के साथी ने लड़की को रौंद दिया था। इस मामले का सीसीटीवी फुटेज वायरल होने के बाद पुलिस ने तीन युवकों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। अब तीनो का इलाज करते हुए जेल भेजा गया।
अंबेडकर नगर में स्कूल से लौट रही बच्ची का एक लड़के ने दुपट्टा खींचा। साईकिल अनियंत्रित हुई और बच्ची गिर गई। पीछे से आए एक बाइक सवार की गाड़ी बच्ची पर चढ़ गई। बच्ची की मौके पर ही तड़पकर मौत हो गई। कानून के मुताबिक इसमें गैर इरादतान हत्या की धाराएं लगेंगी। अगले एक साल में दुपट्टा खींचने वाले को जमानत मिल जाएगी। केस चलेगा। 5-7 साल बाद कभी इस मामले में सजा सुनाई जाएगी।
लेकिन क्या यह इतना मामूली अपराध है! राह चलती किसी बच्ची का दुपट्टा खींचना गंभीर अपराध है। यह पुरुष के रूप में जन्में व्यक्ति के पुरुषार्थ पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। उसकी परवरिश पर सवाल खड़ा करता है। एक लड़की के मन में कभी न खत्म होने वाला डर भरने वाला है। उसके मन में हर पुरुष के प्रति शंका भरने का कृत्य है। इस अपराध के लिए कानून में धाराएं नहीं हैं। सरकार को जोड़ना चाहिए। सजा के रूप में उक्त व्यक्ति को पेड़ में बंधकर 500 बेंत मारने चाहिए। 10 लाख का जुर्माना लगाना चाहिए। इसके बाद 10 साल की कैद होनी चाहिए।