मूलचन्द मेधोनिया पत्रकार भोपाल मोबाइल 8878054839
करेली । जिला नरसिंहपुर
श्रद्धांजलि सभा में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी राज्य समिति सदस्य एवं नरसिहपुर जिले के प्रभारी कामरेड रामनारायण कुररिया ने अपने विचार रखते हुए कहा
समाजवादी व सादगी के विचारों से शुरुआत कर, कम्युनिस्ट विचारधारा को आत्मसात कर अपना पूरा जीवन भलाई के लिए समर्पित करने वाले पी एल राय शारीरिक रुप से अब हमारे बीच नहीं है। आपातकाल में सरकार की लोकतंत्र विरोधी नीतियों का विरोध करने के कारण उन्हें जेल में डाल दिया गया। लंबे समय तक जेल में रहने के बाद भी उन्होंने अपनी विचारधारा से कोई समझौता नहीं किया।
सन् 1986 में उन्होंने जनता पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हुए, 1992 में जब सीपीआई की सम्पूर्ण जिला समिति सीपीआई(एम) में शामिल हुई तो वे अपने अभिन्न साथियों का.गुलाम मोहम्मद, का.डोरीलाल तिहैया, का.एन एस पटेल, का.हरनाम सिंह, का.ठाकुर बखतसिंह, सुरेन्द्र यादव आदि के साथ भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) में शामिल हुए।
वे सीपीआई (एम) की जिला समिति में भी रहे। बैठको में उनके सुझाव काफी महत्वपूर्ण होते थे। बिना किसी अगर मगर लगाए वे सीधी सरल भाषा में अपनी बात रखते थे। अपनी बात रखते समय वे कभी भी यह नहीं सोचते थे कि किसको बुरा लगे किसको अच्छा जो वो कहना चाहते थे वह पूरी तार्किकता के साथ अपनी बात कहते थे।
अपनी बीमारी के बाद भी वह पार्टी के कार्यक्रम, नेताओं के स्वास्थ्य जैसे बातों को जानने के लिए हमेशा इच्छुक रहते थे। शहर या जिले ही में नहीं बल्कि राज्य, देश व दुनिया में क्या हो रहा है उस पर भी उनकी पैनी नजर रहती थी। आखिरी समय तक वे सचेत राजनीतिक रहे।
उन्हें शिक्षा से बड़ा लगाव था करेली नगर की आदर्श शिक्षण समिति में वे सचिव की भूमिका में रहे। इस बीच कई अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारी बदले पर सचिव की जिम्मेदारी हर बार उन्हें ही सौंपी गई। जिसे उन्हें अंतिम सांस तक बाखूबी निभाई।
उनका स्पष्ट मानना था कि शिक्षा सभी के लिए जरूरी व अनिवार्य है, बिना शिक्षा के समाज को बेहतर नहीं बनाया जा सकता।
जिले के राजनैतिक क्षितिज पर वे सभी राजनैतिक पार्टियों व नेताओं के बीच सर्वस्वीकार थे, अपनी विचारधारा पर कायम रहते हुए भी उन्होंने दूसरे राजनैतिक पार्टी के कार्यकर्ता व नेताओं के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाई। राजनीति, जो आज बहुत कटुतापूर्ण हो गई है ऐसे में पीएल राय का जीवन एक किताब के जैसा है।
एक और बात है आज बुजुर्गो व युवाओं के बीच का अंतर काफी बढ़ गया है, लेकिन वे हमेशा युवाओं को प्रोत्साहित करते रहे। खासकर पढऩे की ललक पैदा करने के लिए वे बीमारी के बाबजूद भी युवाओं के द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में सहज ही चले जाते थे। कभी भी युवाओं को उनसे मिलने में, बात करने में कोई झिझक महसूस नहीं हुई।
उनका जीवन कई उदाहरणों से भरा है जो युवाओं के लिए प्रेरणादयक रहेगा।
आज वे हमारे बीच नहीं है उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि, लाल सलाम
कामरेड पी एल राय की श्रद्धांजलि सभा मे नरसिहपुर जिले से माकपा के बरिष्ठ नेता कामरेड एन एस पटेल,जिला सचिव देवेंद्र वर्मा, करणसिंह अहिरवार, रामसिंग वर्मा, राजेन्द्र राजपूत के अलावा अन्य कामरेडो ने भी उपस्थिति दर्ज कर श्रद्धांजलि दी।