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रामेश्वर नागदा
कबीर मिशन समाचार।
नीमच। आज गांव काना खेड़ा में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत घूम कर लोगों को जागरूक किया गया, साथ में बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान के तहत काना खेड़ा में मशाल जुलूस निकला साथ में सभी को शपथ दिलाई। कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरूआत 16 अक्तूबर से शुरुआत हुई है। इसके लिए कानाखेड़ा को बाल विवाह मुक्त बनाने के प्रयास में स्थानीय भारती नागदा पूरे क्षेत्र एवं गांव में जोर शोर से कार्य कर रही है। इस कार्य में 20 गांव की बालिका अपना योगदान देंगीं। गांव लोगों को जागरूक करेंगी।जिसमें गांव से महिलाएं 16 अक्तूबर को शाम में मोमबत्ती जला कर जनमानस को बाल विवाह मुक्त भारत बनाने की अपील की गई।वरिष्ठ शिक्षा रामबाबू नागदा द्वारा जीने हरी झंडी दिखाकर जन जागरूकता रैली को रवाना किया तथा बाल विवाह रोकने पर जोर दिया। और सभी ग्राम वासियों को बताया गया कि कम उम्र में शादी का नाना कानूनन जुर्म है बच्चे के भविष्य को अंधेरे के तरफ ना ले जाते हुए उजाले के तरफ सुरक्षित स्वतंत्र और शिक्षित बनाने के तरफ़ ले जाना है। एवं ग्राम पंचायत काना खेड़ा के उपसरपंच राजू नागदा ने बताया कि जिले में आए दिन कहीं न कही बाल विवाह की घटना होती है। लेकिन प्रशासन के जानकारी में नही आने से कानूनी कार्रवाई नही हो पाती है। जबकि सरकार समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाती हैं। इस अभियान के चलने से बाल विवाह की जानकारी मिलेगी। जिससे उसकी रोकथाम हो सकेगी। साथ हीं पीड़ित को सरकारी योजना का लाभ भी मिलेगा एवं विवाह कराने करने वाले को सजा दिलाई जा सकेगी। बाल विवाह मुक्त भारत बनाने को लेकर 16 अक्तूबर को अभियान को शुरू किया गया है । इसके उपरांत उपस्थित लोगों को शपथ भी दिलाने का कार्य करेंगी। महत्वपूर्ण है कि बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का आह्वान नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी देश भर की जनता व स्वयं सेवी संस्थाओं से किया गया है। वह विश्व प्रसिद्ध बाल अधिकार कार्यकर्ता हैं। बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने में आरती नागदा, हिना नागदा, पूजा नागदा, मौसम नागदा, कृष्णा नागदा। सामाजिक कार्यकर्ता रामेश्वर नागदा, बालकृष्ण नागदा, लक्की नागदा, पवन नागदा, दीपक नागदा, पुष्कर नागदा, सचिन नागदा, मनीष नागदा ने जा जाकर महिलाओं को अभियान में भागीदारी हेतु अपील कर रहे है।