कबीर मिशन समाचार। मध्यप्रदेश में एक बार फिर जय भीम किनारे पर विवाद शुरू हो गया है। शाजापुर जिले के सलसलाई थाना क्षेत्र के ग्राम मदाना में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गांव में शासकीय स्कूल की प्रभात रैली निकाली जा रही थी। जिसमें स्कूल के बच्चे स्वतंत्रता दिवस के नारे लगाते हैं जो हमने भी बचपन में लगाए हैं।
लेकिन वही जय श्री राम का नारा लगने लगा था और बच्चे ”एक ही नारा एक ही नाम जय श्रीराम जय श्रीराम” का नारा लगाने लगे जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर आया है। इसी बीच में एक बच्चे ने जय भीम का नारा लगा दिया। जिसके चलते छात्र अभय विरोध करने लगे और आपत्ति जताई गई। बाद में कुछ संगठनों ने छात्र को बसाने के लिए कुछ सबूत एकत्रित करने लग गए जिसके चलते 17 अगस्त को पुलिस अभय के घर आती है और मारपीट करने की बात सामने आई है। इसका अर्थ है दूसरे पक्ष को खुश करने के लिए एक छात्र के साथ पुलिस की बर्बरता देखी जा सकती है।
अभय गांव के शासकीय विद्यालय की 12 कक्षा में पढ़ाई करता है। खबर लिखने तक अभय थाने में बंद था और उस पर पुलिस इस नारे को हटाकर अन्य मामला बनाकर छात्र को जेल भेजने की तैयारी में लग रही थी। सूत्रों के अनुसार पता चला है कि इस नारे को लगाने पर जय भीम बोलने पर बच्चे को पुलिस ने घर आकर मारपीट की और थाने ले गई। एक ऐसा ही मामला उज्जैन में वायरलेस पर गुंजा था जिसमें जय भीम बोलने पर एक पुलिसकर्मी को प्रताड़ना झेलनी पड़ी जिसकी खबर लगने के बाद पुरे ट्विटर पर बवाल मच गया था
और वहीं आज शाजापुर में इस जय भीम के नाम पर एक स्कूली विद्यार्थी को प्रताड़ित किया गया है आखिर क्या कारण है? बाबा साहब की जय बोलने पर क्या कानूनी कार्रवाई होती है? क्या यह कोई देश विरोधी नारा है फिर पुलिस ने इस तरह की शर्मनाक हरकत करने की कोशिश क्यों की? क्या बाबा साहब की जय बोलना और जय भीम का नारा लगाना कोई गैरकानूनी है? यदि गैरकानूनी है तो पुलिस इस बात का स्पष्टीकरण दें या गैरकानूनी नहीं है तो किस आधार पर छात्र को पुलिस घर पर आई और उठाकर थाने ले गई और मारपीट की गई।
यहां सीधा-सीधा दिखाई देता है कि प्रशासन और कुछ बाबा साहब के प्रति गलत मानसिकता करने वाले रखने वाले लोगों के कारण छात्र पर इस तरह की बेबुनियाद और शर्मनाक घटना को अंजाम दिया जा रहा है। भावुकता और अज्ञानता ही ऐसे कृत्य को जन्म देते हैं। जय श्री राम का नारा लगाना और जय भीम का नारा लगाना दोनों ही ग़लत नहीं है तो फिर विवाद क्यों? उसका अहम कारण है एक दूसरे के प्रति द्वेष भावना रखना और हतोत्साहित होना।
छोटी छोटी बातों को लेकर युवाओं भड़काना और कानूनी दांवपेंच में फंसाना होता है। इस घटनाओं के दुरगामी परिवार कोई नहीं देखता है। हमें ऐसी घटनाओं को रोकना चाहिए। अब देखना यह है कि पुलिस इस मामले को लेकर सुलाह करवाती हैं या एक छात्र का भविष्य खराब करती हैं। इसका दोषी हम सब होंगे जो आजादी के वातावरण में भेदभाव के रंग घोल रहें हैं। अभय के परिवार वालों से भी बात हुई है उनका कहना है कि रैली में जय भीम को नारा लगाने के बाद इसको फोन पर डराया जा रहा था।
फिर पता नहीं क्या हुआ? वहीं भीम आर्मी के राहुल अहिरवार ने कहा कि मेरी सलसलाई थाना प्रभारी से बात हुई है कि वे अभय को अन्य बात को लेकर गए हैं। उसने स्टेटस या फेसबुक पर भी कुछ ग़लत लिखा था। जो अभी उन्होंने बताया नहीं है लेकिन एक बात स्पष्ट है कि कार्यवाही विरोधाभास हो रही है हम संगठन में बात कर रहे हैं यदि अभय के साथ ग़लत होगा तो थाना घेराव किया जाएगा। अभी मैं लोगों से चर्चा कर रहा हूं। बाकी छात्र के साथ मारपीट हुई जो कि ग़लत है।