कबीर मिशन समाचार।
धीरज नायक की रिपोर्ट
नीमच। भाजपा सरकार के अनुसूचित जनजाति के बड़े-बड़े वादे धरातल पर फेल होते नजर आ रहे हैं। चाहे शिवराज सरकार धरातल पर गरीब तबके के लोग एसटी एससी के लोगों के लिए अनेकों योजनाएं चलाएं या उन्हें उनका अधिकार दिलाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है लेकिन निचले स्तर के अधिकारी की मिलीभगत से ऊंच नीच का भेदभाव लेकर महिला पटवारी सिर्फ सामान्य लोगों का ही काम करने में दिलचस्पी रखते हैं। अनुसूचित जनजाति के लोग हो रहे परेशान, क्या यही है शिवराज सरकार का प्रोटोकॉल के अधिकारी नहीं सुनते। ऐसा मामला नीमच जिले में देखने को मिला।
जीरन तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत हरनावदा के ग्रामीण एकत्रित होकर पहुँचे कलेक्टर कार्यालय, कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार के नाम सोपा ज्ञापन, ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि हरनावदा पंचायत हल्का नंबर 7 की पटवारी द्वारा जानबूझकर गरीब आदिवासी लोगो की सुनती नहीं है। गांव के सम्पन्न लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाता है और गरीब लोग जो पात्र होते हैं, जिन्हें सरकारी योजनाओं की अति आवश्यकता होती है उन्हें पटवारी द्वारा सीधे मुँह जवाब नही दिया जाता। ओर ना योजनाओं का लाभ दिया जाता। ग्रामीणों का आरोप है कि जाति प्रमाणपत्र की रिपोर्ट, विधवा पेंशन की रिपोर्ट, बीपीएल राशन कार्ड में नाम जोड़ने की रिपोर्ट पर पटवारी द्वारा आनाकानी की जाती है। और रिपोर्ट लिखने से मना किया जाता है। ऐसे में हम गरीबो को शासन का लाभ कैसे प्राप्त होगा, जब भ्रष्ट अधिकारी द्वारा हमारी सुनवाई नही की जाती। और तो ओर पटवारी महिला होने के कारण ग्रामीणों को डरा धमकाकर दबा दिया जाता है। पटवारी द्वारा ग्रामीणों से कहा जाता है कि तुम लोग जितना दम लगा कर मेरा ट्रांसफर करवाने की कोशिश कर लो, मेरी नीचे से ऊपर तक पहुँच है मेरा कोई कुछ नही बिगाड़ सकता हैं। ग्रामीण द्वारा यह भी कहना है कि सम्पन्न व दबंगों द्वारा शासकीय भूमि का अतिक्रमण भी इस पटवारी द्वारा करवाया गया है जो पिछले 5 वर्षों के रिकॉर्ड में भी दर्ज किया हुआ है, और करोड़ों रुपए का शासन को चुना लगाया जा रहा है। इस और प्रशासन ध्यान दे व जाँच कर उचित कार्यवाही करें…