कबीर मिशन समाचार।
नीमच। जिला कलेक्टर कार्यालय के आस पास बेलन चकले बजाते व गैस की टंकी सर पर उठाकर आंगनबाड़ियों एवं स्कूलों में महिला स्व सहायता समूह एवं रसोईयां द्वारा प्रदर्शन कर रैली निकाली गई। जिसके बाद कलेक्टर दिनेश जैन के नाम ज्ञापन सौपा गया। जिसमें बताया कि विगत वर्षों से अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दिए गए। लेकिन मांगो पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसके पश्चात हमने 2 जुलाई 2023 को भोपाल की भेल दशहरा मैदान में लाखो महिला की तादात में आंदोलन किया पर कोई सुनवाई नहीं हुई। हमारी 12 सूत्री मांगे को पूरा नही किया गया तो हम 06 अगस्त से सभी स्व सहायता समूह एवं रसोईयां बहने प्रदेश के समस्त तहसील मुख्यालय के पास अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठेगी। जिसके जिम्मेदार शासन रहेगा। ज्ञापन सौपते समय पूरे जिलेभर से करीब 150 महिलाएं मौजूद रही।
प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ की 12 सूत्रीय मांगों इस प्रकार हैं।
- प्राथमिक शाला मे प्रति छात्र भोजन पकाने की लागत दर 5.45 पैसे की जगह 10 रुपये बढ़ाया जाए एवं खाद्यान्न 100 ग्राम की मात्रा से बढाकर 200 ग्राम किया जाए। इसी प्रकार माध्यमिक शाला मे प्रति छात्र भोजन दर 8.17 पैसे की जगह 15/- रुपए बढाया जाए एवं खाद्य 150 ग्राम से बढ़ाकर 300 ग्राम किया जाए।
- मध्याह्न भोजन पकाने हेतु कार्यरत रसोइयों प्रतिदिन पारिश्रमिक ₹66 मजदूरी यह नैतिकता केस आधार पर तय की गई है यह सोचने योग्य है मानदेय कलेक्टर दर पर 6,000 /- रुपए प्रति माह हो।
- मध्याह्न भोजन अंतर्गत स्व सहायता समूहों को वर्तमान में 60% की दर से भुगतान किया रहा है एवं पोर्टल छात्र संख्या अनुसार 100% के मान से भुगतान किया जाए। कई जिला एवं तहसीलों में ठेकेदारों द्वारा मध्याह्न भोजन का संचालन किया पर पूर्णता ठीक लगाई जाए पीएम पोषण आहार योजना एवं सांझा चूल्हा के अंतर्गत स्व सहायता समूह को कार्य दिया जाए।
- आंगनवाडी केन्द्रों में / छात्र / किशोरी गर्भवती/धात्री माता भोजन दर 15/- बढ़ाई जाए एवं भोजन पकाने वाली रसोइया को 500/- रुपए से बढ़ाकर 2000 /- रुपये किये जायें।
5.महिला बाल विकास विभाग में 20-25% कमीशन लेकर भुगतान बिल फाइल आगे बढाने की व्याप्त प्रचलित प्रथा जैसे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जाए।
6.आंगनवाडी केन्द्रों एवं शालाओं में खाद्यान्न एवं राशि तीन – चार माहों तक प्राप्त नहीं होती इस कारण भोजन संचालन व्यवस्था बाधित होती है। वर्ष 2018 अनुरूप माह के प्रथम सप्ताह में आबंटन प्रदाय सुनिश्चित किया । - प्रदेश के शासकीय स्कूल के 25 बच्चों के मान से गैस सिलेंडर शासन की ओर से हर महीना मध्याह्न भोजन संचालित करने वाले स्व सहायता समूहों को उपलब्ध कराया जाए।
- शाला में मध्याह्न भोजन संचालक स्व सहायता समूह अध्यक्ष सचिव को पारिश्रमिक के साथ शाला रसोईया एवं समूह अध्यक्ष / सचिव के जोखिम को द्रष्टिगत रखते हुए पांच लाख का निःशुल्क सुरक्षा बीमा किया जाए।
- प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ को शासन की योजनाओं को क्रियान्वित करने में भागीदार बनाया जाए।
- शालाओं में दो-तीन वर्षों से साइकिल वितरण एवं गणवेश का वितरण नहीं हुआ है यह 10 सोचनीय विषय है एवं ठेकेदारी के चल चलते शालाओं में नल जल योजना का कार्यक्रम संपादित किया गया उनकी नल एवं टंकी गुणवत्ता की कमी के कारण अधिकांश जगह खराब हो गई इसकी जांच होनी चाहिए एवं गणवेश साइकिल वितरण महिला स्व सहायता समूह को संपादित करने हेतु सौंपा जाए।
- महिला स्व सहायता समूहों को शत-प्रतिशत मध्याह्न भोजन संचालन कार्य सौंपा जाए चाहे वह स्कूल हों छात्रावास हों शाला प्रबंधन समिति शिक्षक या अधीक्षक शिक्षकों के द्वारा मध्याह्न भोजन संचालन करने में छात्रों का शिक्षण कार्य बाधित होता है ऐसे शिक्षकों का ध्यान शिक्षण कार्य में नहीं लगता सत्य है।
- वर्तमान में जो पीओएस मशीन में फिंगर से स्व सहायता समूह को खाद्यान्न प्राप्त होता है, जिसमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है कभी फिंगर ना लगना और कभी पीओएस मशीन बंद हो जाती है कभी सर्वर डाउन हो जाता है, जिसके कारण बार-बार उचित मूल्य दुकान में जाना पड़ रहा है साथ ही आवंटन जारी होने के बाद समय से खाद्यान्न नहीं पहुंचता है । जिससे 60% स्व सहायता समूहों का खाद्यान्न लेफ्ट होने की भी समस्या उत्पन्न होती है। हमारी मांग है कि पूर्व की तरहा पत्रक के द्वारा खाद्यान्न प्राप्त होता था वह लागू किया जाए।