स्वतंत्र लेखक एवं पत्रकार । मधुबनी जिला के बाबूबरही विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी एवं समाज सेवी मनोज झा ने एक निजी अस्पताल में महिला के साथ हुई अनियमितता को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ( बिहार सरकार ) के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है l सेवा में..श्रीमान अपर मुख्य सचिव महोदय स्वास्थ्य मंत्रालय, बिहार विषय:- निजी अस्पताल में जांच की गलत रिपोर्ट देने और खुले में ऑपरेशन तथा मानक का खुलेआम उल्लंघन करने के संबंध में।महाशय,सादर निवेदन पूर्वक यह कहना है कि मै मनोज झा मधुबनी जिले के बाबूबरही प्रखंड के स्थायी निवासी हूं और बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र का पूर्व एमएलए प्रत्याशी रहा हूं। सामाजिक हितों के लिए वह हमेशा ही पक्षधर रहे है। आमजन स्तर से उनके संज्ञान में निजी अस्पताल में जांच की गलत रिपोर्ट देने और खुले में ऑपरेशन करने तथा मानक का खुलेआम उल्लंघन करने का मामला उठाए जाते रहे हैं।
इसलिए उनके स्तर से महोदय को अवगत करा दूं कि सरकार जनमानस के लिए मुफ्त और सस्ती दवाई को मुहैया कराने के लिए जिस तरह से प्रयास करती आ रही है। उस तरह से सरकारी तंत्र का कुछ हिस्सा न भागीदार बन रहे। बल्कि तय मानकों को ही विफल करने में ऐड़ी चोटी एक किए हुए है। जो चिंता का विषय बना हुआ है। अगर बीमार हाल में आमजन सरकारी और निजी अस्पताल में इलाज कराने जाते हैं तो उसमें किसी का भला अहित क्या है। महोदय गत 19 मई से अबतक के झंझारपुर, मधुबनी, दरभंगा के निजी अस्पतालों के गतिविधियों से अवगत करा दूं तो वहां के अमानवीय बर्ताव से ही रोना आ जाएगा। भगवती स्वास्थ्य सेवा सदन झंझारपुर मधुबनी हो या चाहे मिथिला नवजीवन हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड मधुबनी।
दोनों ही निजी अस्पतालों के मरीज पूनम देवी, गांव काको थाना भैरवस्थान जिला मधुबनी बिहार की हेपेटाइटिस बी की जांच रिपोर्ट में भारी अंतर है। पहले भगवती स्वास्थ्य सेवा सदन रिपोर्ट को नेगेटिव बताता है। और मिथिला नवजीवन हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड पॉजिटिव रिपोर्ट बताता है। फिर भी नवजीवन हॉस्पिटल मरीज को एडमिट कर लेता है। तो उस मरीज के साथ अमानवीय अत्याचार किया जाना आम बात हो जाता है। पूनम एकमात्र मरीज नहीं है। उनके जैसे क्षेत्र के और आमजन अमानवीय अत्याचार से त्रस्त हैं। इसलिए संबंधित पहलू की भौतिकीय जांच हो। जांच के उपरांत विधि विधान पूर्वक कार्रवाई हो। ताकि और कई पूनम जैसे मां बहन निजी अस्पताल के अमानवीय पीड़ा को नहीं झेले। मरीज पूनम गांव काको थाना भैरवस्थान जिला मधुबनी बिहार का ऑपरेशन खुलेआम आईसीयू में सफाई करने वाला पुरूष कामगार कैसे कर दिए? उसे दो घंटे तक कैसे नग्न अवस्था में खुलेआम रखा गया? लोगों के देखने पर मरीज पूनम खुद को आत्मग्लानि महसूस करती थी।
जिस तरह से मानवाधिकार हनन हुए वह जिले के आमजन के लिए आम बात बन गया है।निजी अस्पताल नवजीवन प्राइवेट हॉस्पिटल स्तर से सरकार के स्वास्थ्य विभाग का मानक का खुलेआम उल्लंघन है। इसकी गंभीरतापूर्वक जांच के साथ ही अस्पताल को बंद करने की कार्रवाई के लिए अपेक्षा रखते हैं।