इन्दौर में फ्लायओवर के उद्घाटन के लिए नेता चाहिए! मोदी जी, आ जाइये साब! अमित शाह जी, आप ही टाइम दे दो सर जेपी नड्डा जी, आपका काम होता तो आग्रह भी करते! कबीर मिशन समाचार इंदौर
इंदौर। एमपी के सीएम साब के पास तो समय ही नहीं है, क्योंकि ‘वे ऐसे ऐतिहासिक कार्य कर रहे हैं’, जो इतिहास में कोई सीएम नहीं कर पाया और ‘सीएम मोहन यादव मीन्स बिज़नेस’!
इंदौर में कई फ्लायओवर एक साथ बन रहे हैं! हर प्रमुख रोड पर। हर बड़ा चौराहा खुदा हुआ है। ऐसे में किसी भी रोड पर निकलना मुहाल है। रिंग रोड पर एक फ्लायओवर की एक भुजा बनकर तैयार है, जिसका उद्घाटन बीती मई में हो सकता था, लेकिन फिर जुलाई तक टल गया। फिर खबर आई कि 15 अगस्त को यहां एक भुजा से यातायात चालू हो जाएगा। लोगों को मामूली राहत मिलेगी। फिर खबर आई कि यह अक्टूबर में शुरू हो जाएगा। अब खबर है कि यह शायद, (जी हां शायद) यातायात दिसंबर में शुरू होगा क्योंकि उद्घाटन के लिए कोई नेता नहीं मिल रहा है!
इंदौर शहर कभी अपनी स्वच्छता के लिए पहचाना जाता था। अब यह अराजकता के लिए पहचाना जाता है। यहां के चमचे रेयरेस्ट ऑफ रेयर किस्म के हैं। यहां के भाई, दादा, भिया, पेलवान लोगों को भंडारे, चुनरी यात्रा, कावड़ यात्रा, आरती, भजन, महोत्सव से फुरसत मिले तो शहर की चिंता करें बेचारे!
देश के कई शहरों की तरह इंदौर में भी सड़कों पर यातायात रेंगता हुआ चलता है। अच्छी खासी जगह है लेकिन उस पर लोगों ने कब्जे कर रखे हैं और विकास प्राधिकरण और सरकारी तंत्र को केवल निर्माण कार्य में रुचि है। फ्लायओवर बना दो, मेट्रो रेल बना दो; यातायात के लिए नहीं अपने निहित स्वार्थ के लिए। इंदौर की खूबी है कि यहां सड़कों पर या तो गड्ढे हैं या स्पीड ब्रेकर! और अगर ये दोनों नहीं हैं तो निश्चित ही उसे डायवर्ट कर दिया गया होगा, क्योंकि वहीं तो फ्लायओवर बना रहे हैं।यही है ‘सबका विकास’ मॉडल?