मध्यप्रदेश राजगढ़

राजगढ़। दलितों के साथ 8 घटनाएं OBC वर्ग के लोगों ने की और एक घटना मुस्लिम वर्ग ने, फिर केवल मुस्लिम के घर पर ही बुल्डोजर क्यों चला?

कबीर मिशन समाचार। राजकुमार प्रदेश प्रतिनिधि मप्र।

राजगढ़। मामला जिला राजगढ़ का है जहां पिछले कुछ महीनों से दलितों पर अत्याचार रुकने का नाम नही ले रहा। कभी बारात रोकना, घोड़ी से दलित दुल्हे को नीचे उतरना, बात बात पर दलित वर्ग के लोगों को मारना पीटना जैसे आम बात हो गई है। कभी मुंछे खड़ी करने पर कभी दलित महिलाओ का रेप कर तो कभी किसी अन्य कारणों से दलितों के साथ मारपीट होती आ रही है।

हाल ही में जीरापुर में एक ऐसी ही घटना घटी हैं लेकिन अंतर यह है कि पत्थर फैंकने वाले एक धर्म विशेष के लोग हैं। वहीं जीरापुर की दुसरी घटना है जिसमें दलित दुल्हे की बरात दांगी समुदाय के लोगों ने गांव में नहीं घुसने दिया और बराती सहित पुलिस पर भी पत्थर फेंके। इसके साक्षी खुद जिले के कलेक्टर हर्ष दीक्षित और पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा बने। जिनके नेतृत्व में कार्यवाही हुई और शस्त्र लाइसेंस रद्द भी किए। दलितों का आत्मविश्वास जागा और एक हिम्मत पैदा हुई, लेकिन जीरापुर में जिस तरह घर तोड़े हैं इसी प्रकार यदि अन्य असामाजिक तत्वों के भी अवैध कब्जे हटाया जाएं तो प्रशासन की संविधान सम्मत कार्यवाही माना जाएगा।

अभी तक राजगढ़ जिले में कुछ घटी वायरल घटनाएं

ग्राम कचनारिया जीरापुर में 12 फरवरी को दलित के घर आकर गुर्जर समुदाय ने रशोई खराब की तथा मारपीट की। (अपराधी गुर्जर समुदाय के लोग)
ग्राम पांदा सारंगपुर में 16 मार्च को दलित को सरेआम पिटा केवल इसलिए की मुछ पर हाथ रख कर बात की थी। (अपराधी राजपूत समुदाय के लोग)
ग्राम गोवर्धन पुरा में बारात रोकी। (अपराधी सोंधिया समुदाय के लोग)


ग्राम बापचा सारंगपुर मे 21 अप्रैल को दलित की बारात रोकी मारपीट की। (अपराधी राजपूत)
ग्राम बांसखेड़ी मे दलितों पर पथराव किया ( अपराधी सोंधिया )


ग्राम बरुखेड़ी खिलचीपुर मे 15 मई को बरात रोकी मारपीट हुई। (अपराधी राजपूत)
ग्राम शाहबांजपुरा मे दलित का अंतिम संस्कार करने से रोका ( अपराधी सोंधिया – दांगी)
ग्राम पिपलिया कलां जीरापुर मे बारात रोकी गयी। (अपराधी राजपूत)
पिपल्या कलां में जिले के कलेक्टर और एसपी दलित दुल्हे के साथ


ग्राम मोहन जीरापुर मे 15 मई को दलित लड़की के साथ रेप किया व जान से मार दिया। (अपराधी राजपूत)
एवं अन्य कुछ घटनाए सामने आयी।
साथ हि हाल ही मे जीरापुर मे दलित की बारात पर पथराव किया ( अपराधी मुस्लिम)


जिले में हुए इतने मामलों में से शासन प्रशासन की बुल्डोजर केवल जीरापुर मे हुए मामले पर चली बाकी मामलो पर नही।
आखिर क्या कारण रहा की बाकी मामलो पर शासन प्रशासन मौन है?
क्या शासन जीरापुर मामले मे बुल्डोजर चलाकर यह साबित कर रही है की न्याय जाति धर्म देख कर किया जायेगा ?

जिले में हुई तमाम घटनाओं को देखते हुए केवल जीरापुर मामले में बल्डोजर का चलना साफ ज़ाहिर कर्ता है की शासन प्रशासन धार्मिक व राजनैतिक न्याय कर रही है न की संवैधानिक?

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