भोपाल – देवउठनी एकादशी चार नवंबर को है और इसी के साथ चातुर्मास तथा श्री विष्णु शयनकाल खत्म हो जाएगा। इसके बाद से शुभ विवाह और सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाएगी, लेकिन इस बार देवउठनी एकादशी पर शादी का मुहूर्त नहीं बन रहा है, क्योंकि इस दिन तक शुक्र अस्त हो रहेंगे और विवाह आदि शुभ कार्यों में शुक्र उदय होना जरूरी है।
शुक्र तारा 30 सितंबर को अस्त हो चुके हैं, जो 22 नवंबर तक जारी रहेगा। सभी शुभ कार्यों में ग्रह-नक्षत्र और तारों की स्थिति को देखकर ही शादी के मुहूर्त तय किए जाते हैं। इस वजह से विवाह आदि शुभ कार्य 24 नवंबर से शुरू हो रहे हैं।