बदलती आंगनवाड़ियाँ- -एडाप्ट एन आंगनवाड़ी कैम्पेन के तहत धार जिले के आंगनवाड़ी केंद्रों की तस्वीर बदल रही है। समाज के सहयोग से आंगनवाड़ी विकास कार्यक्रम के तहत यहाँ भौतिक रूपांतरण, नेतृत्व क्षमता संवर्धन एवं कार्यकर्ता प्रशिक्षण हेतु कार्य किया जा रहा है साथ ही अकादमिक सहयोग ( पठन लेखन सामग्री एवं किताबे ) एवं कार्यकर्ता प्रशिक्षण हेतु भी कार्य किया जा रहा है | बीते कुछ दिनों में किए जा रहे कार्यों से आंगनवाडी केंद्रो में बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
कलेक्टर डॉ पंकज जैन कहते हैं कि हमारा प्रयास है कि ज़िले की साढ़े तीन हज़ार से अधिक आंगनवाड़ियों में बदलाव परिलक्षित हो। उल्लेखनीय है कि CM Madhya Pradesh श्री Shivraj Singh Chouhan के निर्देशानुसार धार जिले आंगनवाड़ी केन्द्र के सुदृढ़ीकरण हेतु समुदाय की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से ‘‘एडॉप्ट आंगनवाड़ी’’ कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है। कार्यक्रम के तहत् जनप्रतिनिधिगण, शासकीय कर्मी, सामाजिक कार्यकर्ता, सामाजिक संगठन, गैर शासकीय संस्था, औद्योगिक सस्था एवं अन्य संगठनों द्वारा जिले में संचालित 3858 आंगनवाड़ी केन्द्रों को विभिन्न व्यक्तियों/संस्थाओं/कम्पनियों द्वारा एडॉप्ट किया जाकर आंगनवाडी केन्द्र की आवश्यकता अनुसार विभिन्न प्रकार के अधोसंरचना मूलक कार्य, बच्चों की व्यक्तिगत आवश्यकता एवं स्वास्थ्य व पोषण से संबंधित सेवाओं में सहयोग प्रदान किया जा रहा है ।
इसी के तहत एकीकृत बाल विकास परियोजना मनावर अन्तर्गत ग्राम टोंकी में स्थानीय अल्ट्रा टेक सीमेंट कम्पनी के द्वारा तीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में समस्त, आवश्यक निर्माण एवं बच्चों की आवश्यकता से संबंधित कार्य कराया जा रहा है। आंगनवाड़ी केन्द्र बयड़ीपुरा क्रमांक 3 में पुराने भवन, शौचालय एवं बाउण्ड्रीवाल की मरम्मत तथा वॉल पेंटिंग कर भवन को आकर्षित बनाया गया है। शेष आंगनवाड़ी केन्द्रों में कम्पनी द्वारा कार्य किया जा रहा है ।
इसी कड़ी में एस.आर. फाउण्डेरशन द्वारा जिले की 50 आंगनवाड़ी केन्द्रों में आवश्यकतानुसार मरम्मत कार्य, रंगाई पुताई एवं बच्चों की आवश्यकता से संबंधित सामग्री जैसे टेबल, कुर्सी, खिलौने आदि पर कार्य किया जा रहा है। ग्राम मेघापुरा के भुराकुंआ में आंगनवाड़ी केन्द्र का रूपांतरण किया गया है तथा इस केन्द्र में बाल सुलभ सामग्री का प्रयोग किया गया है। जिले में व्यक्तिगत रूप से एडॉप्ट की गई आंगनवाड़ी में विभिन्न प्रकार के कार्य एडॉप्ट करने वाले व्यक्तियों द्वारा किये जा रहे हैं।
परियोजना तिरला के आंगनवाड़ी केन्द्रों में स्थानीय नागरिकों के द्वारा या अन्य शुभ कार्य के दिवस में बच्चों के उपयोग हेतु विभिन्न सामग्री प्रदाय की जा रही है। इसी प्रकार जिले की अन्य परियोजनाओं में भी गोद लेने वाले व्यक्तियों के द्वारा समय-समय पर बच्चों के उपयोग हेतु सीलिंग फेन, टेबल, कुर्सी, खिलौने आदि प्रदाय किये जा रहे हैं। इसी के परिणामस्वरूप अब जिले में ऐसी आंगनवाड़ी नहीं है जिसमें बच्चों के खेलने हेतु खिलौने एवं अनौपचारिक शिक्षा आदि की सामग्री उपलब्ध न हो। इसी प्रकार पीथमपुर में 4 आंगनवाड़ी केन्द्र निर्मित हुए है। इनमें 3 केन्द्र पूर्ण होकर लगभग 10 लाख रूपए तथा एक केन्द्र का काम अतिंम चरण पर है। जिसमें हाउसिंग बोर्ड क्रमांक-10, वार्ड-8, छत्रछाया तथा लोधी मोहल्ला में आंगनवाड़ी केन्द्र निर्मित हुए है। रिपोर्ट पवन सावले