संयुक्त कलेक्टर सुश्री अंशु जावला ने किया संवाद, बताये सफलता के सूत्र
कबीर मिशन समाचार बड़वानी
अपनी तैयारी के बारे में बताते हुए सुश्री अंशु जावला ने कहा-
मैंने दो वर्षों तक सामाजिक कार्यक्रमों में भाग नहीं लिया, मोबाइल को अपने से दूर रखा
बड़वानी 11 नवंबर 2022/एमपीपीएससी की स्टेट सर्विस एग्जाम की तैयारी करना एक गंभीर कार्य है। इसमें निरंतरता और ईमानदार प्रयास की आवश्यकता होती है। सबसे पहले सिलेबस को समझिये और फिर उसके अनुसार स्तरीय पाठ्य सामग्री एकत्र करके उसका अध्ययन कीजिए। जो पढ़ें उसे आत्मसात करें ताकि परीक्षा में उसे अभिव्यक्त कर सकें। हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं पर पकड़ बनायें। अच्छे अक्षर में लिखें, जिससे आपके उत्तर पठनीय बन सकें। ये बातें बड़वानी जिले की संयुक्त कलेक्टर और पानसेमल की एसडीएम सुश्री अंशु जावला ने शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बड़वानी के स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ में विद्यार्थियों से संवाद करते हुए कहीं। कॅरियर सेल प्राचार्य डाॅ. एनएल गुप्ता के मार्गदर्शन में कार्य कर रहा है।
बताई अपनी तैयारी की कार्यनीति
सुश्री जावला ने बताया कि उन्होंने तीन बार पीएससी की परीक्षा दी और तीनों बार चयनित हुईं। उन्होंने बी.ए. में इतिहास और अर्थशास्त्र जैसे विषयों का अध्ययन किया था, जो उनके बहुत काम आया। सफलता के लिए फोकस होना आवश्यक है। उन्हें सुबह जल्दी उठकर पढ़ने की अपेक्षा रात्रि में देर तक पढ़ना अधिक सुविधाजनक लगता था। दिन में वे अपने टाॅरगेट के अनुसार सिलेबस के बिंदुओं को कव्हर करती थीं और रात्रि में रेडियो पर म्युजिक सुनते हुए आब्जेक्टिव क्वेशंचस को हल करने का अभ्यास करती थीं। उन्होंने नोट्स बनाने की अपेक्षा किताबों में ही महत्वपूर्ण बातों को रेखांकित किया और हाशिये का उपयोग बिंदुओं को लिखने में किया। वे पूरी तरह अपने लक्ष्य पर केन्द्रित रहीं।
विद्यार्थियों ने पूछे प्रश्न
संवाद में सम्मिलित विद्यार्थियों ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के संबंध में अनेक प्रश्न किये। जैसे कौन सी पुस्तकों से पढ़ना चाहिए। पढ़ाई की शुरुआत कैसे करनी चाहिए? क्या कोई कोचिंग क्लास ज्वाइन करना चाहिए? नोट्स बनाना चाहिए या नहीं? आपसे इंटरव्यू में कौनसे प्रश्न पूछे गये? करंट इवेंट्स की तैयारी कितने वषों की रखनी चाहिए? सुश्री अंशु जावला ने सभी प्रश्नों के उत्तर विस्तार से दिये। कार्यकर्ता प्रीति गुलवानिया ने बताया कि इस संवाद से विद्यार्थियों को बहुत सीखने को मिला और उन्होंने सुश्री जावला से आग्रह किया कि वे आगामी दिनों में कुछ मार्गदर्शनात्मक सेशन और रखें, जिसकी उन्होंने सहमति दी।
संचालन वर्षा मुजाल्दे ने किया। आभार स्वाति यादव ने व्यक्त किया। सहयोग राहुल भंडोले, वर्षा मालवीया, कोमल सोनगड़े, राहुल सेन, कन्हैया फूलमाली, खुशी अग्रवाल, सुभाष चौहान, डाॅ. मधुसूदन चौबे ने किया।