दतिया 14 अप्रैल: अम्बेडकर जी की 132 वीं जयंती के उपलक्ष में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के दतिया परिसर में एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमे मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ट पत्रकार एवं साहित्यकार श्री रवि ठाकुर जी ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि अम्बेडकर जी का जीवन संघर्षपूर्ण एवं कठिनाईयों से भरा था परन्तु उनकी हिम्मत अटूट थी उन्होंने सताए हुए समुदाय एवं श्रमिकों के शोषण के विरुद्ध सबसे पहले अपनी आवाज उठाई एवं महिलाओं के उत्थान के लिए जो नियम संविधान में जोड़े वे आज महिला सशक्तिकरण की नीव माने जाते है | उन्होंने विद्यार्थियों को अम्बेडकर को पढ़ने और समझने तथा इनकी विचारधारा को आज अपने व्यवहारिक जीवन में उतारने की सलाह दी | जबकि इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के दतिया परिसर के निदेशक डॉ. कपिल राज चन्दोरिया ने बताया कि अम्बेडकर किसी एक धर्म अथवा जाति विशेष के नहीं है वे भारत देश में जन्म लिए हर व्यक्ति के लिए है और इसी आधार पर देश के हर व्यक्ति द्वारा अम्बेडकर जी को सम्मान देना चाहिए | उन्होंने बताया कि अम्बेडकर पथ पर चलने के लिए शिक्षा एवं समानता के मूल मन्त्र को अपनाने की जरुरत है | कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के दतिया परिसर में कार्यरत शिक्षकगण में श्री अंकित मुवेल, श्री अक्षरपटसरिया, सुश्री. एस. राठोर कर्मचारियों में सुश्री आशा दांगी, सुश्री सुमन कनकने, सुश्री ज्योति नामदेव श्री राहुल यादव एवं धर्मेन्द्र कुशवाह एवं पत्रकारों में श्रीमती रजनी लिटोरिया (वरिष्ठ अधिमान्य पत्रकार), उद्देश्य यादव, दीपक यादव, संकल्प श्रीवास्तव, आशुतोष मिश्रा, विकास वर्मा एवं राजेंद्र पटवा आदि उपस्थित रहे | कार्यक्रम के उपरांत अतिथियों एवं सभी विद्यार्थियों ने डॉ. भीम राव अम्बेडकर के छवि चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की |