खरगोन। कबीर मिशन समाचार।
ग्राम औरंगपुरा स्थित सरोज देवी एकेडमी स्कूल वाहन में बच्चों की नहीं है कोई सुरक्षा की दृष्टि से मानक व्यवस्था बारिश और उमस में ठूस ठूस कर जा रहे है बच्चे सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन नहीं।
जुलाई शुरू होते ही स्कूल का सत्र भी प्रारंभ हो चुका है। जिसमें लगभग सभी स्कूले भी प्रारंभ हो चुकी है। लेकिन स्कूल बसों की व्यवस्थाएं अभी भी नियमों के विरुद्ध संचालित हो रही है। बच्चों को छोड़ने के लिए चल रहे वाहनों में नियमों का अभी भी पालन नहीं हो पा रहा है।
आरक्षित सीटों से ज्यादा बसों में भरकर बच्चों को सफर करना पड़ रहा है। स्कूलों में ना तो वाहनों की मानिटरिंग हो रही है और ना ही गाड़ियों में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन हो रहा है।यही अव्यवस्थाएं ग्राम औरंगपुरा स्थित सरोज देवी एकेडमी के वाहनों में देखा गया है। जहां जरूरत से ज्यादा बच्चों को वाहनों में ठुंसकर ले जाए जा रहा है।यही नहीं संचालित वाहन में नंबर भी नहीं अंकित किए गए है।
और वाहन की बात करें तो इतना पुराना है कि कहीं पर भी रास्ते में वाहन खराब हो जाए। और ना ही वाहनों में हेल्पर की व्यवस्था है। पालको को खुद ही उतारना चड़ाना पड़ता है। पालको द्वारा बोलने पर भी स्कूल संचालकों द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता है। स्कूल प्रारंभ होते ही स्कूल द्वारा पालको को कई सपने दिखाते हैं। लेकिन जमीनी हकीकत पर कुछ और ही नजर आता है। नेशनल हाईवे होने से हाईवे पर कई दुर्घटनाएं हो चुकी है लेकिन अभी तक भी स्कूल संचालकों ने सबक नहीं लिया है।
डोंगरगांव बस हादसे के बाद से ही प्रशासन सख्त हो चुका था लेकिन जैसे ही दिन बीतते गए वैसे प्रभाव भी कम होता नजर आ रहा है। नियमानुसार सभी स्कूलों को ट्रांसपोर्ट सेल का गठन करना चाहिए। जिसमें तीन से चार सदस्य इस बात की निगरानी रखें। जिसमें बच्चों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाए। उनका फिटनेस के दौरान समय-समय पर वाहनों को चेक करते रहे। इनमें ज्यादा संख्या ऑटो एवं मेजिक वाहनों की है। इसकी मानिटरिंग ना तो स्कूल संचालकों द्वारा की जाती है और ना ही पालक इस ओर ध्यान देते हैं।
वाहनों में से जीपीएस और सीसीटीवी कैमरे तो गायब ही हो गए हैं। इतना ही नहीं कुछ स्कूलों के वाहनों में तो हेल्पर की व्यवस्था भी नहीं है। यातायात पुलिस और शिक्षा विभाग द्वारा जब भी कोई घटनाएं होती है तब सक्रियता दिखाई जाती है। लेकिन इसके बाद कोई ध्यान देने वाला नहीं होता है।
नेशनल हाईवे पर हो रही संचालित स्कूलों में अगर मानक दृष्टि देखी जाए तो कोई गाइडलाइन का पालन नहीं हो पा रहा है।
मामला मेरे संज्ञान में आया है तो कार्रवाई करेंगे- जगदीश बिल्लोरै अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी खरगोन