आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी अगर आप अंबेडकरवादी हैं, तो
“हिंदुत्व का दर्शन न्याय की कसौटी पर इसलिए खरा नहीं उतरता, क्योंकि उसकी रुचि संपूर्ण समाज में नहीं है बल्कि उसकी रुचि एक वर्ग विशेष के हित में है और वह इस वर्ग के अधिकारों की रक्षा करता है। यह विशेष वर्ग ब्राह्मण है। संक्षेप में हिंदुत्व के दर्शन को मानवता का दर्शन नहीं कहा जा सकता। यह केवल उच्च वर्गों खासकर ब्राह्मणों के लिए स्वर्ग है और निम्न वर्गों के लिए नर्क. सबसे बड़े विद्वान इतिहास के ज्ञाता, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी ने जिस धर्म की व्यवस्था के बारे में यह कहा हो उन्हीं बाबासाहब को मानने वाले करोड़ों करोड़ लोग इस व्यवस्था को सीने से लगाए घूम रहे हैं.
बाबा साहब की यह लाइने लिखने का मेरा विचार इसलिए आया. कल एक महिला से मेरी एक मुद्दे को लेकर बात हो रही थी. बातों बातों में वह महिला कहने लगी मैं आज इस जगह तक आ पाई हूं यह बाबा साहब की देन है. तो मैंने उनसे कहा क्या आप बाबा के विचारों को मानती हैं. उसने तुरंत जवाब दिया कि बिल्कुल मैं तो उनको अपना भगवान मानती हूं. तब मैंने उस महिला से पूछा अगर आप बाबा साहब को मानती है. तो हर सोमवार मंदिर में क्या करने जाती हो, अभी हाल ही में तुमने सावन के सोमवार के व्रत रखें, तो उस महिला ने मुझे बताया जिसको सुनकर मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई.
उस महिला ने मुझे बताया बाबा साहब का सम्मान अपनी जगह और हमारा हिन्दु धर्म अपनी जगह, फिर मैंने उस महिला को बाबा साहब की विचारधारा बताई. बाबा साहब की 22 प्रतिज्ञाएं बताई, ज्यादा समय नहीं था, इसलिए विस्तार से चर्चा नहीं हुई लेकिन मैंने उस महिला से किसी और दिन विस्तार से चर्चा करने के लिए समय मांगा है। फिर मैं बाबा साहब की विचारधारा से उस महिला को अवगत कराऊंगा कि जिस रास्ते पर आप चल रही हो बाबा साहब इस रास्ते के विरोधी रहे हैं. ऐसे न जाने कितने लाखों करोड़ों लोग होंगे जो बाबा साहब को तो मानते हैं। लेकिन उनकी विचारधारा से परिचित नहीं है। हमारा आपका दायित्व बनता है कि ऐसे लोगों को बाबा साहब की विचारधारा से परिचित काराये
भानु नंदवंशी ओबीसी ✍️
समाज चिंतक
नमो बुद्धाय जय भीम