कबीर मिशन समाचार
विजय सिंह बोड़ाना
मध्य प्रदेश में चुनावी सरगर्मीयां बहुत तेज हो गई है। विधानसभा चुनाव को लेकर कई बातें आम जनता में चल पड़ी है। फिलहाल हम सभी जानते हैं कि मध्य प्रदेश के लिए आचार संहिता के साथ ही पूरे चुनावी कार्यक्रम के घोषणा की तारीख नजदीक ही आने वाली है। कहां जा सकता है कि 4 अक्टूबर के बाद कभी भी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए घोषणा हो सकती है मध्य प्रदेश की जनता के साथ-साथ तमाम पार्टियों, वर्तमान विधायक और सांसदों की भी धड़कने बड़ी हुई है। चुनाव परिणाम जो भी हो लेकिन बात फिलहाल टिकट वितरण की है। जिसे टिकट मिलेगा वह प्रत्याशी तो लड़ेगा ही। जिसे नहीं मिलेगा उसे मनाने का सिलसिला भी चल ही पड़ेगा, क्योंकि नहीं मनाया तो निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़े होकर खुद की ही पार्टी को बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है।
हम ज्योतिरादित्य सिंधिया की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के द्वारा अब तक प्रत्याशियों के लिए दो सूची जारी की जा चुकी है। और इन दोनों विधानसभा चुनाव प्रत्याशी की सूची में तीन केंद्रीय मंत्रियों और चार सांसदों को विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित किया गया है। इसलिए कहा जा सकता है कि ग्वालियर एवं आसपास के सिंधिया के प्रभाव वाली सीटों के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को मैदान में एक प्रत्याशी के रूप में उतारा जा सकता है। जिससे मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है।
अभी तक देखा जाए तो कांग्रेस पार्टी द्वारा मध्य विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की गई है। लेकिन माना जा सकता है कि आचार संहिता कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रत्याशियों की घोषणा की जा सकती है। इस बार कांग्रेस पार्टी भी अपने पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरना चाहती है। और ऐसे प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में खड़े करने का निश्चित ही निर्णय करेगी। जो चुनाव जीतने के बाद दल बदल के प्रयास नहीं करेगा।
अभी तक हम देखते आए हैं कि मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में मुख्य रूप से कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही टक्कर रही है। लेकिन इस बार परिणाम चौंकाने वाले हो सकते हैं। ऐसा इसलिए माना जा सकता है क्योंकि आम आदमी पार्टी ने भी अपने कुछ उम्मीदवारों की सूची जारी की है। साथ ही बहुजन समाज पार्टी, आजाद समाज पार्टी एवं निर्दलीय प्रत्याशी अपने-अपने स्तर पर एक बड़ा रोल प्ले कर सकते हैं। खैर देखते हैं मध्य प्रदेश के भविष्य के लिए के लिए विधानसभा चुनाव कैसा रहेगा।