जहां-जहां भगवान श्रीकृष्ण के पग पड़े, उन स्थानों को धार्मिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जायेगा, पंचक्रोशी की तर्ज पर पूर्णिमा में भी यात्रा निकाली जाये, जिले की पुरातत्व महत्व की सम्पत्तियों का रिनोवेशन प्राथमिकता से किया जाये
एनएचआई शहर के बाहर की सड़कों के साथ शहर के अन्दर की सड़कों को भी डेवलप करे, मांस-मछली विक्रेताओं को बैठने के लिये एक निश्चित स्थान उपलब्ध कराया जाये, निर्धारित डेसीबल से ऊपर लाऊड स्पीकर बजने पर लगातार कार्यवाही चलती रहे
महाकाल मन्दिर में श्रद्धालुओं को मन्दिर तक पहुंचने में अधिक न चलना पड़े इसकी कार्य योजना बनाई जाये, मुख्यमंत्री ने उज्जैन में शहर विकास के कार्यों की समीक्षा बैठक ली
उज्जैन 23 दिसम्बर। वर्ष 2028 में उज्जैन जिले में सिंहस्थ महापर्व का आयोजन होना है। सिंहस्थ के सफल आयोजन को दृष्टिगत रखते हुए अभी से उज्जैन शहर की सड़कों एवं ट्रैफिक व्यवस्था का प्लान जिला प्रशासन तैयार करे। यह प्रयास करें कि श्रद्धालु कम से कम समय में महाकाल मन्दिर पहुंच जायें। उन्हें अनावश्यक रूप से दो-तीन किलो मीटर न चलना पड़े। प्रशासन तिरूपति बालाजी मन्दिर की तर्ज पर महाकाल मन्दिर में कम समय में श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के दर्शन हो जाये, यह व्यवस्था सुनिश्चित करे और साथ ही कार्य योजना बनाये। इसके लिये एक टीम तिरूपति बालाजी मन्दिर जाकर वहां की व्यवस्था का अवलोकन करे। श्रद्धालुओं को कम समय में बाबा महाकाल के सुलभ दर्शन हो जायें, इसकी कार्य योजना बनाई जाये। उक्त निर्देश प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने शनिवार को उज्जैन में आयोजित शहर के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में दिये।
,मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि जहां-जहां भगवान श्रीकृष्ण के पग पड़े हैं, उन स्थानों को धार्मिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जायेगा। नारायणाधाम भी एक ऐसी ही जगह है। नारायणाधाम को तीर्थधाम के रूप में विकसित किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि पंचक्रोशी यात्रा की तर्ज पर पूर्णिमा पर भी परिक्रमा यात्रा निकाली जायेगी। परिक्रमा यात्रा का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा। यह प्रयास किया जायेगा कि वृंदावन में परिक्रमा की तर्ज पर महाकाल दर्शन के बाद श्रद्धालु चिन्तामन गणेश मन्दिर, हरसिद्धि मन्दिर, कालभैरव मन्दिर, मंगलनाथ मन्दिर, सान्दीपनि आश्रम आयें और पुन: महाकाल मन्दिर आयें। इस बीच श्रद्धालु शिवाय नम:, विष्णु नम: बोलकर साक्षी गोपाल मन्दिर के दर्शन भी करें, तभी उनकी यह परिक्रमा यात्रा पूर्ण मानी जायेगी। पंचक्रोशी मार्ग पर पड़ने वाले करोहन, नलवा, उंडासा, अंबोदिया, जैथल आदि पड़ाव स्थलों को श्रद्धालुओं के लिये विकसित किया जायेगा। स्थाई पड़ाव बनाने के लिये स्ट्रक्चर विकसित किये जायेंगे। डॉ.यादव ने कहा कि जिले की समस्त पुरातात्विक महत्व की सम्पत्तियों का रिनोवेशन प्राथमिकता से किया जायेगा। उज्जैन में कोठी पैलेस, ग्राण्ड होटल एवं महाराजवाड़ा को नया स्वरूप प्रदान किया जायेगा और इन सम्पत्तियों का समुचित उपयोग किया जायेगा।
,मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने शहर की सड़कों के विकास के लिये प्लान बनाने के निर्देश दिये और कहा कि सड़कों का प्लान बनाने के दौरान पुलिस विभाग को भी सहभागी बनाते हुए उनके एंगल से कार्य योजना तैयार की जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि एनएचआई शहर के बाहर की सड़कों के साथ-साथ शहर के अन्दर की सड़कों को भी डेवलप करे। डॉ.यादव ने जिला प्रशासन को निर्देश दिये कि मांस-मछली विक्रेताओं को बैठने के लिये एक निश्चित स्थान उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने कहा कि हालांकि खुले में मांस-मछली बेचने वालों के विरूद्ध अभियान लगातार चलता रहे। डॉ.यादव ने निर्धारित डेसीबल से अधिक लाऊड स्पीकर बजाने पर भी लगातार कार्यवाही करने के निर्देश दिये। साथ ही कहा कि इसके लिये अनावश्यक रूप से किसी को परेशान न किया जाये। उन्होंने बताया कि निर्धारित डेसीबल से अधिक पर लाऊड स्पीकर बजाने पर गृह विभाग एक एप तैयार कर रहा है। इस एप में शिकायत दर्ज की जा सकेगी। डॉ.यादव ने निर्माण कार्य करने वाले विभागों से कहा है कि जो 50 लाख रुपये तक के निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं, उनके लोकार्पण और इतनी ही राशि के जो कार्य स्वीकृत हैं, उनका भूमिपूजन करवाया जाये।
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने उपस्थित समस्त विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि विकास के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाये। निर्माण कार्यों में किसी प्रकार की ढिलाई न हो। शहर के विकास के कार्य बेहतर हो, यह सुनिश्चित किया जाये। अच्छे काम करने वाले अधिकारियों को प्रोत्साहित किया जायेगा और खराब काम करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।
,मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने शहर के प्रमुख चौराहों का सौन्दर्यीकरण करने एवं महामृत्युंजय द्वार के आसपास विकास कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने चामुण्डा माता मन्दिर चौराहा को हरिफाटक ब्रिज तक एलिवेटेड कॉरिडोर विकास के सम्बन्ध में अधिकारियों से जानकारी ली। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने नीलकंठ वन मार्ग पर पार्किंग की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिये आवश्यक उपाय किये जायें। उन्होंने कहा कि महाकाल आने वाले श्रद्धालु पांच मिनिट में बाबा महाकाल के दर्शन कर लें, इसकी प्लानिंग करें। बुजुर्ग, बच्चे एवं महिलाएं अनावश्यक न भटके और न ही उन्हें दो-तीन किलो मीटर तक चलना पड़े। इसकी माइक्रो प्लानिंग भी जिला प्रशासन करे। बताया गया कि एयरपोर्ट की तर्ज पर उज्जैन शहर में 100-100 टॉयलेट बनाये जायेंगे।
डॉ.यादव ने सभी विधायकों से कहा कि वे एसडीएम के साथ बैठकर सड़क एवं विकास के कार्यों की प्लानिंग करें। मुख्यमंत्री ने अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ.राजेश राजौरा को निर्देश दिये कि वे उज्जैन संभाग में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा निरन्तर करते रहें।
,समीक्षा बैठक में सांसद श्री अनिल फिरोजिया, विधायक सर्वश्री अनिल जैन कालूहेड़ा, सतीश मालवीय, डॉ.तेजबहादुर सिंह चौहान, जितेन्द्र पंड्या, दिनेश जैन बोस, महापौर श्री मुकेश टटवाल, सभापति श्रीमती कलावती यादव, यूडीए अध्यक्ष श्री श्याम बंसल, श्री विवेक जोशी, श्री बहादुर सिंह बोरमुंडला, पूर्व विधायक श्री बहादुर सिंह चौहान, श्री राजेन्द्र भारती, श्री विशाल राजौरिया, आईजी श्री संतोष कुमार सिंह, डीआईजी श्री अनिल कुशवाह, कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम, पुलिस अधीक्षक श्री सचिन शर्मा, नगर निगम आयुक्त श्री रोशन कुमार सिंह, जिला पंचायत सीईओ श्री मृणाल मीना सहित विभिन्न विभागों के संभागीय एवं जिला अधिकारी उपस्थित थे।