उज्जैन 31 दिसम्बर। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के करकमलों से आज सोमवार एक जनवरी को साइबर तहसील को सम्पूर्ण प्रदेश में लांच किया जायेगा। आज एक जनवरी से सम्पूर्ण प्रदेश में साइबर तहसील परियोजना लागू हो जायेगी। इसका विस्तार प्रदेश के समस्त जिलों में किये जाने सम्बन्धी अधिसूचना मप्र राजपत्र में गत 18 दिसम्बर 2023 को प्रकाशित की जा चुकी है। साइबर तहसील से सम्बन्धित गहन प्रशिक्षण एनआईसी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सबको प्रदान किया जा चुका है। कार्यक्रम की सीएम इवेंट्स के माध्यम से वेब कास्टिंग की जायेगी। वेबकास्ट का लिंक तथा कार्यक्रम के प्रसारण का समय उपलब्ध कराया जायेगा। मध्य प्रदेश शासन राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव ने इस सम्बन्ध में प्रदेश के समस्त जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिये हैं कि एक जनवरी को कार्यक्रम के दौरान अपने-अपने जिला मुख्यालय व तहसील मुख्यालयों पर सीएम वेबकास्ट के माध्यम से प्रसारण की व्यवस्था सुनिश्चित करें एवं जिले व तहसील मुख्यालयों पर कार्यक्रम में वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित कर तहसील स्तर के कार्यक्रम में समस्त पटवारी अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगे।
साइबर तहसील में मुख्य रूप से रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, क्षेत्रीय तहसीलदार, पटवारी एवं रीडर की भूमिका रहेगी। रजिस्ट्रीकरण अधिकारी से अपेक्षाएं है कि सम्पूर्ण खसरा संख्या/सम्पूर्ण भूखण्ड संख्या अंतरित होने पर किसी खसरा या भूखण्ड का विभाजन अपेक्षित नहीं होने पर निष्पादक एवं दावेदार द्वारा निर्धारित फार्म भरवाना एवं फार्म क में जानकारी तथा मामले की फीस की रसीद के साथ रजिस्ट्री संलग्न करते हुए रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम पर ऑनलाइन (साइबर तहसील) में भेजा जायेगा। क्षेत्रीय तहसीलदार स्तर पर होने वाले कार्य में प्रमुख रीडर द्वारा रीडर लॉगइन पर प्राप्त सार्वजनिक नोटिस को चस्पा कराना एवं सार्वजनिक नोटिस प्रदर्शन पश्चात रीडर आईडी से चेकबॉक्स क्लिक कर साइबर तहसीलदार को प्रेषित किया जायेगा और प्रकरण में भौतिक रूप से प्राप्त दावा-आपत्ति को आरसीएमएस लॉगइन से अपलोड करेंगे। जो प्रकरण साइबर तहसीलदार से संचालित होकर क्षेत्रीय तहसीलदार को आरसीएमएस में प्राप्त हुए हैं, उनका समय-सीमा में निराकरण किया जायेगा। इसी तरह पटवारी से अपेक्षाएं हैं कि पटवारी द्वारा जांच प्रतिवेदन तैयार करेंगे। निर्धारित समयावधि में साइबर तहसीलदार को प्रतिवेदन भेजेंगे। निर्धारित समयावधि में आपत्ति प्राप्त होने पर प्रतिवेदन के साथ अपलोड करेंगे या अन्य कोई अभियुक्ति होने पर निर्धारित प्रारूप में दर्ज करेंगे। इसी तरह निर्धारित समयावधि 10 दिवस में प्रतिवेदन न भेजने पर स्मरण-पत्र जारी करेंगे। इसके पश्चात तीन दिवस में साइबर तहसीलदार को प्रतिवेदन भेजना अनिवार्य होगा।
उल्लेखनीय है कि आरसीएमएस पोर्टल में साइबर तहसील मॉड्यूल शुरू होगा। जिले में रजिस्ट्रीकरण अधिकारी अधिनियम के तहत सम्पदा एप पर प्रकरण अपलोड करेंगे। इस कार्य में रजिस्ट्रार की जिम्मेदारी रहेगी। आरसीएमएस में नामांतरण प्रकरण मद में क्षेत्रीय तहसीलदार के दायरे में प्राप्त प्रकरण पंजीबद्ध होंगे। ऐसे पंजीकृत विक्रय-पत्र जो साइबर तहसील के लिये विहित रिति को पूर्ण करते हैं, विचारण के लिये साइबर तहसीलदार के लॉगइन पर प्रदर्शित होने लगेंगे। साइबर तहसीलदार के द्वारा पक्षकारों को सुनवाई के लिये बिना आहुत कर प्रकरण का विनिश्चय ऑनलाइन किया जायेगा। साइबर तहसीलदार के लिये सम्पूर्ण कार्यवाही ऑनलाइन किये जाने हेतु आरसीएमएस पर साइबर तहसील लॉगइन तैयार किया गया है।
इस मॉड्यूल को प्रयोग में लाने के लिये रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा प्रज्ञापना प्रस्तुत किया जाना, दस्तावेज के निष्पादक व दावेदार को सूचना-पत्र की तामीली, आवेदन का क्षेत्रीय तहसीलदार के वाद सूची में प्रदर्शित होना, साइबर तहसीलदार द्वारा प्रकरण में विचारण करना, सार्वजनिक नोटिस का जारी किया जाना, सार्वजनिक नोटिस का एसएमएस के माध्यम से सम्प्रेषण करना, आपत्तियों का प्रस्तुत किया जाना, प्रकरण का क्षेत्रीय तहसीलदार के पास निराकरण हेतु प्रेषण करना, पटवारी प्रतिवेदन, आदेश पारित किया जाना और भू-अभिलेखों में अमल करना आदि बिन्दुओं पर कार्यवाही की जायेगी।