कबीर मिशन समाचार. उज्जैन एक माह पहले ही जल संसाधन और पीएचई विभाग के अफसरों ने बड़ी मशक्कत के बाद शिप्रा नदी में नर्मदा का साफ पानी स्टोर किया था जिसके बाद लोगों ने शिप्रा नदी में मकर संक्रांति का पर्व स्नान किया था इसके बाद ही त्रिवेणी स्थित कान्ह पर बनाया गया मिट्टी का अस्थायी स्टापडेम टूट गया और अब शिप्रा में फिर कान्ह का दूषित पानी एकत्रित हो चुका है ऐसे में शिवरात्रि पर्व स्नान के लिये अफसरों को रामघाट पर नर्मदा का पानी लाना पड़ेगा।
ऐसे लाये थे नर्मदा का पानी
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह द्वारा शिप्रा नदी का जल संसाधन और पीएचई अफसरों के साथ निरीक्षण करने के बाद नर्मदा विकास प्राधिकरण को पाइप लाइन के माध्यम से शिप्रा नदी में पानी छोडऩे के लिये पत्र लिखा था। इधर जल संसाधन विभाग द्वारा शिप्रा में मिल रहे कान्ह के दूषित पानी को रोकने के लिये त्रिवेणी पर मिट्टी का अस्थायी स्टापडेम बनवाया। पीएचई विभाग द्वारा नदी में पहले से स्टोर कान्ह के दूषित पानी को बड़े पुल के पास स्थित स्टापडेम के गेट खोलकर आगे बहाया गया और पर्व स्नान के कुछ दिन पहल