राजगढ़/खुजनेर। पुरे विश्व और देश में कल बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर जयंती मनाई गई और इसी मौके पर कई शादियां भी रही होगी। ऐसे में जिले की खुजनेर तहसील से 10 किलोमीटर दूर गांव पाडल्या खेड़ी में भी मालवीय परिवार में दो दुल्हनों की शादी का शुभ अवसर था। जो चर्चा का विषय बन गया।
आपने कई शादियां देखी होगी और हर कोई अपनी शादी में कुछ खास करने की पहल करते हैं ताकि वे पल यादगार बना रहे। ग्राम पाडल्या खेड़ी में कल 14 अप्रैल शाम को हेमलता और मनीषा दोनों बहनों की शादी थी। इनके पिताजी नहीं है उनकी माता रूपा बाई मालवीय हैं बच्चों का पालन-पोषण और शिक्षित किया। इनका एक छोटा भाई शुभम हैं। हेमलता की शादी आदित्य ग्राम बाबल्दा और मनिषा की शादी कुंदन ग्राम भ्याना के साथ हुई है। शादी की पत्रिका में भी संत शिरोमणि कबीर साहब और अम्बेडकर का चित्र दिया गया।
दुल्हन पहले से ही बाबा साहब अम्बेडकर जी के विचारों से प्रभावित रही है और इस अवसर पर मनिषा ने अपने मामा जी रामगोपाल मालवीय से कहा कि शादी में कन्यादान में बहन बेटी को बर्तन देते हैं मेरी इच्छा है कि हम बर्तन की जगह बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर की तस्वीरें दे और उस दिन उनकी जयंती भी मनाई जाती है। बस फिर मामा जी रामगोपाल मालवीय ने खुश होकर इस इच्छा को पूरा किया और कल बाबा साहब अम्बेडकर की 133 वीं जयंती मनाई जा रही थी इस अवसर पर कन्यादान में रिश्तेदारों को बाबा साहब अम्बेडकर की तस्वीरें देकर शादी में चार चांद लगा दिए।
सभी ने इस पहल की प्रशंसा करते रहे। इसलिए कहते हैं कि शुरुआत खुद से करें। इस अवसर पर मांगीलाल मालवीय, भाई शुभम मालवीय, प्रभू लाल मालवीय, रतनलाल मालवीय, राधेश्याम, अनिल कुमार, मामा रामगोपाल मालवीय, भगवान सिंह मालवीय एवं देवकरण, सुनिल, अध्यक्ष हेमराज मालवीय, जगन्नाथ मालवीय, पत्रकार रामेश्वर मालवीय, रमेश चंद्र मालवीय, संतोष मालवीय सहित सैकड़ों लोग साक्षी बने।